जुलाई 2023 से नॉन बासमती सफेद चावल के निर्यात पर केंद्र सरकार ने बैन लगा रखा है. ताकि, घरेलू जरूरत को पूरा किया जा सके और कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके. निर्यात बंदी के बीच अब केंद्र सरकार ने 14 हजार टन चावल निर्यात को मंजूरी दे दी है. यह चावल निर्यात नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) के जरिए हो सकेगा.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से जारी नोटीफिकेशन के अनुसार केंद्र सरकार ने मॉरीशस को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात की मंजूरी दे दी है. मॉरीशस को 14,000 टन चावल निर्यात करने को कहा है. व्यापार महानिदेशालय के अनुसार चावल के निर्यात प्रक्रिया को नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड के जरिए पूरा किया जाएगा.
महानिदेशालय के अनुसार निर्यात की अनुमति अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से तय मात्रा के साथ अनुमति दी गई है. मॉरीशस को चावल निर्यात छूट देने से पहले नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी गणराज्य, मलेशिया, फिलीपींस, सेशेल्स, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, कोमोरोस, मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, मिस्र और केन्या को चावल की इस किस्म के निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है.
घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने और घरेलू खपत पूरी करने के लिए केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. बता दें कि खाद्यान्न स्कीम के तहत सरकार लाभार्थियों को मुफ्त चावल उपलब्ध कराती है. केंद्र सरकार को कल्याणकारी खाद्यान्न योजनाओं के लिए सालाना 400 लाख टन चावल की जरूरत पड़ती है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आपूर्ति बरकरार रखने के लिए निर्यात बंदी लगाई गई थी.
धान की फसल रकबा में गिरावट के कारण कम उत्पादन की चिंताओं के बीच केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद केंद्र ने अगस्त के अंत में बासमती चावल के निर्यात पर अतिरिक्त मिनिमम फ्लोर प्राइस लागू किया था. इसके बाद गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई गई. इसके बाद मार्च 2024 में सरकार ने उबले चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क बढ़ा दिया था.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today