इस साल बेहतर मानसून संकेतों से ग्रामीण इलाकों के लोगों की इनकम में बढ़ोतरी होने का अनुमान है. किसानों की आमदनी बढ़ने का सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी के तौर पर सामने आएगा. फसलों की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है. इसके अलावा MSP बढ़ाए जाने से भी खेती-बाड़ी की इनकम बढ़ेगी. साथ ही पीएम आवास योजना, ग्रामीण और रूरल इंफ्रा पर सरकारी खर्च बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में बचत बढ़ाने में मदद मिलेगी और लोग ज्यादा खर्च कर सकेंगे.
साबुन, बिस्कुट और तेल जैसी रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली वस्तुएं और सामान बनाने वाली FMCG कंपनियों के लिए कमाई के लिहाज से ये साल गुड न्यूज लेकर आ सकता है. लेकिन इस शुभ समाचार का सीधा संबंध लोगों की इनकम बढ़ने से है. जितना लोगों की आमदनी बढ़ती है उतना ही वो इस तरह के सामानों की खरीदारी पर खर्च करते हैं. ऐसे में कंपनियों की आमदनी बढ़ने का अनुमान तभी सटीक साबित होगा जब शहरों में डिमांड ना घटे और गांवों में इनकी कमजोर बिक्री के हाल में सुधार हो जाए.
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा होने पर 2024-25 में FMCG कंपनियों की कमाई 7 से 9 फीसदी तक बढ़ सकती है. इसके पहले 2023-24 में इन कंपनियों की इनकम मुश्किल से 7 फीसदी तक बढ़ी थी. इन कंपनियों की आमदनी सीधे सीधे डिमांड पर निर्भर करती है. मानसून के बेहतर होने से गांव में लोगों की इनकम बढ़ेगी, जिससे बिक्री बढ़ सकती है क्योंकि FMCG कंपनियों की कुल आमदनी में करीब 40 फीसदी योगदान ग्रामीण इलाकों का है.
क्रिसिल ने 2024-25 में ग्रामीण ग्राहकों की वॉल्यूम ग्रोथ 6-7 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है. दरअसल, बेहतर मॉनसून से फसलों की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है. इसके अलावा MSP बढ़ाए जाने से भी खेती-बाड़ी की इनकम बढ़ेगी. साथ ही पीएम आवास योजना-ग्रामीण और रूरल इंफ्रा पर सरकारी खर्च बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में बचत बढ़ाने में मदद मिलेगी और लोग ज्यादा खर्च कर सकेंगे.
इस बीच मास सेगमेंट में नरम बिक्री के बीच कंपनियां प्रीमियम प्रोडक्ट्स पर ध्यान दे रही हैं. 77 FMCG कंपनियों की स्टडी पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया कि प्रीमियम बढ़ने से ऑपरेटिंग मार्जिन 50 से 70 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 20 से 21 फीसदी हो जाएगा. इसके मुताबिक मार्जिन इससे ज्यादा भी होता, लेकिन बाजार में मुकाबला बढ़ने से बिक्री और मार्केटिंग से जुड़े खर्च बढ़ने का असर पड़ रहा है. 2023-24 में FMCG सेक्टर की आमदनी 5.6 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया कि 2024-25 में शहरी इलाकों में वॉल्यूम ग्रोथ 7-8 फीसदी के करीब रह सकती है. लोगों के पास खर्च करने लायक रकम बढ़ने और कंपनियों की तरफ से प्रीमियम प्रोडक्ट्स पर फोकस रहने से ये ग्रोथ हासिल हो सकती है.
क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक अलग-अलग प्रोडक्ट सेगमेंटस की रेवेन्यू ग्रोथ अलग होगी. 2024-25 में फूड एंड बेवरेजेज सेगमेंट 8 से 9 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है. इसमें रूरल डिमांड से मदद मिलेगी. वहीं, पर्सनल केयर सेगमेंट 6 से 7 परसेंट की दर से बढ़ सकता है, पिछले साल इन दोनों सेगमेंट्स से बेहतर ग्रोथ हासिल करने वाले होम केयर सेगमेंट में इस साल 8-9 परसेंट की रफ्तार दिख सकती है. यानी अब सारा फोकस मानसून पर रहेगा जो FMCG इंडस्ट्री का ग्रोथ ड्राइवर बन सकता है. (आदित्य के राणा)
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