Farming Income: खेती-बाड़ी से दूर होने लगे इन 5 राज्यों के किसान, दूसरे पेशे से बढ़ाई इनकम

Farming Income: खेती-बाड़ी से दूर होने लगे इन 5 राज्यों के किसान, दूसरे पेशे से बढ़ाई इनकम

Farming income: खेती की कमाई छोड़ दूसरे पेशे में उतरने वाले परिवारों की सबसे बड़ी संख्या नागालैंड में है. दूसरे नंबर पर त्रिपुरा और तीसरे स्थान पर मेघालय है. इन राज्यों के लोग अब खेती के अलावा बाकी पेशे से अपने परिवार का खर्च चला रहे हैं.

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Farming Income: खेती-बाड़ी से दूर होने लगे इन 5 राज्यों के किसान, दूसरे पेशे से बढ़ाई इनकमFarming income: खेती छोड़ दूसरे कामों में लग रहे किसान

भारत कृषि प्रधान देश है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि अधिकांश घरों का खर्च खेती और उससे जुड़ी कमाई से चलता है. परोक्ष या अपरोक्ष तौर पर. लेकिन इस ट्रेंड में बदलाव आ रहा है. एक रिपोर्ट की मानें तो कई राज्य ऐसे हैं जहां के परिवार पहले खेती आधारित कमाई से चलते थे. अब वैसे परिवार खेती के इतर अन्य पेशे पर आश्रित होते जा रहे हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि इस लिस्ट में जिन पांच राज्यों का नाम है, उसमें चार राज्य उत्तर-पूर्व के हैं और एक पहाड़ी प्रांत है. यह रिपोर्ट एक थिंक टैंक पीपल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी यानी PRICE ने जारी की है. रिपोर्ट में जिन 5 राज्यों का जिक्र है, उनमें नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, तमिलनाडु, सिक्किम और उत्तराखंड शामिल हैं.

ये 5 राज्य ऐसे हैं जहां सबसे अधिक परिवार खेती से इतर दूसरी कमाई पर निर्भर हो चले हैं. यह आंकड़ा 2024-25 के एक सर्वे पर आधारित है. PRICE की रिपोर्ट बताती है कि नागालैंड  के 98 फीसद परिवार खेती से हटकर दूसरे पेशे की कमाई पर निर्भर हो गए हैं. यानी इन परिवार का खर्च अब खेती से अर्जित पैसे से नहीं चलता बल्कि नौकरी-चाकरी या बिजनेस से चलता है. दूसरे नंबर पर त्रिपुरा है जहां 94 फीसद परिवार गैर-खेती इनकम पर आधारित है जबकि 85 परसेंट के साथ तीसरे नंबर पर मेघालय, 80 परसेंट के साथ चौथे नंबर पर सिक्किम और 80 परसेंट के साथ ही पांचवें नंबर पर उत्तराखंड है.

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खेती की कमाई पर आधारित कई राज्यों के परिवार

इन राज्यों में कमाई का पैटर्न देखें तो पता चलेगा कि यहां के अधिकांश लोग पहले खेती पर आधारित थे. छोटे स्तर पर ही सही, मगर खेती से होने वाली कमाई ही इन राज्यों के परिवारों का पेट भरती थी. मगर हालात बदल गए और लोग बाकी पेशे में लग गए. खेती से हटने की वजह की बात करें तो इसमें रिस्क फैक्टर सबसे अहम है. इन परिवारों को खेती में अधिक जोखिम दिखाई देता है बजाय नौकरी पेशा के. नौकरी पेशे में आय कमाने की टेंशन कम है जबकि खेती कुछ अधिक जोखिम वाला हो चला है. इसके पीछे सबसे खास बात मौसम की टेढ़ी चाल, इनपुट की महंगाई, उपज का सही दाम नहीं मिलना और उपज के खराब होने का डर आदि फैक्टर हैं.

अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक खेती वाला परिवार

PRICE की रिपोर्ट में उन राज्यों पर भी प्रकाश डाला गया है जो तमाम उतार-चढ़ाव और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद खेती की कमाई को ही सर्वोपरि मान रहे हैं. इन राज्यों में पहले नंबर पर अरुणाचल प्रदेश है जहां 82 फीसद परिवारों का कहना है कि उनकी पूरी कमाई खेती से ही निकलती है. दूसरे स्थान पर 78 परसेंट परिवारों के साथ पंजाब, 77 परसेंट के साथ असम और 73 परसेंट के साथ कर्नाटक और मणिपुर का नाम है. इस रिपोर्ट से एक बड़ी बात ये भी सामने आती है कि खेती से दूर होने वाले टॉप के तीन राज्य अगर उत्तर पूर्व से हैं तो खेती पर ही आश्रित रहने वाला टॉप राज्य अरुणाचल प्रदेश भी उत्तर पूर्व से है. कुल मिलाकर रिपोर्ट में एक अच्छी बात ये भी है कि बीते साल खेती वाले परिवारों की आय 7.31 लाख सालाना तक रही जो कि किसी नौकरी-पेशा से बिल्कुल कम नहीं.

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