Varanasi News: किसान भाइयों को आधुनिक और पारंपरिक खेती या बीज से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए अब इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा. जी हां धर्म नगरी काशी में कृषि की पढ़ाई के लिए अनोखा सेंटर खोला जाएगा. इस सेंटर में किसानों को पुराने पद्धति से खेती की शिक्षा दी जाएगी. दक्षिण के कांची कामकोटि मठ ने इसके लिए अनोखी पहल की है. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में काशी में स्थित कांची कामकोटि मठ के प्रबंधक वीएस सुब्रह्मण्यम मणि ने बताया कि हमारे ऋषि-मुनि किस विधि और तकनीक से पुराने समय में खेती करते थे. जिसके तहत जैविक खेती के बारे में किसानों और उसमें रुचि रखने वालों को पढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ सरकार मोटे आनाज यानी मिलेट्स को बढ़ावा दे रही है, वहीं मोटे अनाज पर कार्यशाला आयोजित करने अन्नदाताओं को इसकी जानकारी दी जाएगी. वीएस सुब्रह्मण्यम मणि बताते हैं कि इसकी पूरी रूपरेखा कांची कामकोटि पीठ ने तैयार कर ली है. उन्होंने बताया कि इसके लिए काशी और प्रयागराज के बीच जमीन की तलाश की गई है. छह एकड़ में सनातन धर्म सेवाग्राम केंद्र खोला जाएगा जो दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा. इस केंद्र में दक्षिण और उत्तर भारत को जोड़ने के साथ ही सनातन संस्कृति से जुड़े हर पहलू की शिक्षा दी जाएगी.
इसके तहत पूर्णकालिक व अंशकालिक वेद विद्या, ऋषि और कृषि की शिक्षा मिलेगी. कांची कामकोटि मठ के प्रबंधक वीएस सुब्रह्मण्यम मणि ने बताया कि युवा किसानों को जैविक पद्धति से खेती, बीजों की गुणवत्ता, फसल उत्पादन और उसकी पौष्टिकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. आयुर्वेद चिकित्सा के तहत आंवला, संतरा, अजवाइन आदि औषधि पौधों व फलों के बारे में बताया जाएगा. इसके साथ मोटे अनाज के प्रति भी जागरूक किया जाएगा. हमारी कोशिश है कि एग्रीकल्चर को बढ़ावा देकर किसानों की आय में अधिक से अधिक इजाफ़ा किया जाए.
दरअसल, आज के युग में किसान अपनी पारंपरिक खेती के अलावा भी अधिक आय देने वाली फसलों का चुनाव कर रहे हैं. सुब्रह्मण्यम कहते हैं कि दक्षिण के कांची कामकोटि मठ में हम लोगों को लोगों को यूनिवर्सिटी पहले से संचालित हो रही है. इसके तहत कुल 4 तरह के कोर्स चलाए जाएंगे. जिसमे वेद से लेकर खेती किसानी तक की पढ़ाई होगी. वहीं दो साल का कृषि डिप्लोमा कोर्स संचालित करने का प्लान है. इस पर कार्यवाही जारी है. आने वाले वक्त में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा.
ये भी पढे़ं-
यूपी के इस जिले में 'पूंछकटवा का खौफ', 6 मवेशियों की मौत से पशुपालकों में दहशत, जानिए पूरा माजरा
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today