देश के तमाम हिस्सों से बारिश की खबरें आ रही हैं. कई जगहों पर बारिश से नुकसान की तस्वीरें दिख रही हैं. शहरों में बारिश की वजह से ट्रैफिक जाम और सड़कों पर पानी जमा होने की शिकायत हो रही है. सामान्य धारणा यही है कि बारिश झमाझम हो रही है. लेकिन देश के 55 फीसदी किसान कमजोर मॉनसून की वजह से चिंतित हैं. यह आंकड़ा एक्सिस माइ इंडिया के एक सर्वे में सामने आया है. इस सर्वे में और भी कई बड़ी बातें निकल कर सामने आई हैं. देश के आधे से अधिक किसान इसलिए परेशान हैं और खेती का का आगे नहीं बढ़ा पा रहे क्योंकि कमजोर मॉनसून ने बारिश की मात्रा को घटाया है. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम मध्य प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ जैसी जगहों पर मॉनसूनी बारिश की कमी है जिससे किसानों में मायूसी देखी जा रही है.
एक्सिस माइ इंडिया के इस सर्वे में 5072 लोगों से सवाल पूछे गए और सर्वे किया गया. इस सर्वे की अच्छी बात ये रही कि इसमें 67 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों से हैं जबकि 33 फीसदी लोग शहरों से हैं. सर्वे में जितने लोगों को शामिल किया गया, उनमें 55 परसेंट किसान ऐसे मिले जिन्होंने मॉनसून की बिगड़ी चाल को लेकर चिंता जताई. इन किसानों को चिंता इस बात को लेकर है कि जब मॉनसून सही नहीं होगा तो उनकी खेती का क्या होगा. कई राज्यों के किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं ताकि धान, कपास, मूंगफली या अन्य फसलों की बुआई की जा सके.
एक्सिस माइ इंडिया के सर्वे में किसानों से पूछा गया कि मॉनसून की कमी या बारिश की कमी से उनके खेती-बाड़ी के काम पर क्या असर होगा. इसमें से 55 फीसदी किसानों ने बताया कि वे मॉनसून को लेकर बहुत अधिक चिंतित हैं क्योंकि उनकी खेती पिछड़ जाएगी या जो फसल लगी है, वह सूख जाएगी. ऐसा कई जगह देखा जा रहा है कि धान की नर्सरी लगाई गई है, लेकिन बारिश की कमी के चलते उसकी रोपाई नहीं हो रही. यहां तक कि बढ़ते तापमान और कम बारिश के प्रभाव में धान की नर्सरी सूख रही है. किसानों ने इसे लेकर अपनी चिंता जाहिर की है.
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सर्वे में 24 फीसद किसान ऐसे रहे जिन्होंने कम मॉनसून को लेकर मध्यम दर्जे की चिंता जाहिर की है. हालांकि नौ फीसदी किसान ऐसे भी मिले जो इस उम्मीद हैं कि आगे मॉनसून की अच्छी बारिश होगी. सर्वे में 13 फीसदी किसान ऐसे मिले जिन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार मॉनसून सामान्य रहेगा जैसा कि देश का मौसम विभाग कह रहा है. सर्वे में किसानों की राय से यह बात भी निकल कर सामने आई कि खेती-बाड़ी के लिए मॉनसून कितना महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके बिना खेती से जुड़े कई काम रुक सकते हैं या पिछड़ सकते हैं.
एक्सिस माइ इंडिया के सर्वे में खेती-बाड़ी के अलावा और भी कई मसले पर लोगों से राय पूछी गई है. सर्वे में पता चला कि परिवारों का एवरेज खर्च पहले से 56 परसेंट तक बढ़ा है, खासकर ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ा है. सेहत से जुड़े खर्च में पहले से 30 फीसदी की बढ़ोतरी है जिसमें महिलाओं की भागीदारी 30 परसेंट है. सर्वे बताता है कि 44 परसेंट लोग टीवी न्यूज चैनल को ताजा अपडेट्स के लिए सबसे भरोसेमंद सोर्स मानते हैं. युवा पीढ़ी में सोशल मीडिया का चलन अधिक देखा जा रहा है.
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