आदिवासियों के ढेकी कुटा चावल का डंका, कैमोमाइल चाय और पौष्टिक देसी घी की मांग बढ़ी 

आदिवासियों के ढेकी कुटा चावल का डंका, कैमोमाइल चाय और पौष्टिक देसी घी की मांग बढ़ी 

छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार राज्य के जशपुर जिले के आदिवासी कुछ बेहतरीन उपभोक्ता उत्पादों के साथ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में हलचल मचा रहे हैं. इनमें कैमोमाइल चाय से लेकर ढेकी कुटा चावल, शुद्ध देसी गाय के घी से लेकर महुआ गोंद के लड्डू तक की तेज मांग दर्ज की जा रही है.

Advertisement
आदिवासियों के ढेकी कुटा चावल का डंका, कैमोमाइल चाय और पौष्टिक देसी घी की मांग बढ़ी इन्हें 'जशपुरे' ब्रांड नाम से बेचे जाने वाले उत्पादों के कच्चे माल को सीधे मध्य भारत के उपजाऊ क्षेत्रों से लिया जाता है.

छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय के किसानों के उत्पादों की पौष्टिकता और उनमें मौजूद शरीर के लिए लाभकारी तत्वों की वजह से उनकी मांग में इजाफा दर्ज किया गया है. राज्य सरकार के अनुसार आदिवासी समुदाय के ढेकी कुला चावल, कैमोमाइल चाय और गाय के देसी घी जैसे उत्पादों को खरीदने के लिए उपभोक्ता और निजी क्षेत्र के कारोबारी आगे आ रहे हैं. 

छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार राज्य के जशपुर जिले के आदिवासी कुछ बेहतरीन उपभोक्ता उत्पादों के साथ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में हलचल मचा रहे हैं. इनमें कैमोमाइल चाय से लेकर ढेकी कुटा चावल, शुद्ध देसी गाय के घी से लेकर महुआ गोंद के लड्डू तक की तेज मांग दर्ज की जा रही है. इन उत्पादों को स्वस्थ और पौष्टिक दोनों कहा जाता है. इन्हें 'जशपुरे' ब्रांड नाम से बेचे जाने वाले उत्पादों के कच्चे माल को सीधे मध्य भारत के उपजाऊ क्षेत्रों से प्राप्त किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक फूड प्रोडक्ट हाईएस्ट क्वालिटी की हो.

छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग के आयुक्त रवि मित्तल ने कहा कि 'जशपुरे' ब्रांड प्रामाणिकता, स्थिरता और प्रकृति की अदम्य सुंदरता का प्रतीक है. ब्रांड के विजन के चार स्तंभ स्वास्थ्य, पोषण, स्थिरता और गुणवत्ता हैं. जशपुर के जिला कलेक्टर के रूप में मित्तल ने कई उत्पादों के साथ ब्रांड को लॉन्च करने की योजना को साकार बनाकर स्थानीय आदिवासी किसानों को मजबूती देने और उन्हें सपोर्ट करने में मदद की है. उन्होंने कहा कि आदिवासी और किसानों के इन शुद्ध उत्पादों की मांग बढ़ रही है.

प्राकृतिक तरीके से बनाए गए फूड प्रोडक्ट 

बताया गया कि प्राकृतिक रूप से सूखे खाने वाले शुद्ध महुआ फूलों से फॉरेस्ट गोल्ड वन्यप्राश उत्पाद बनाया गया है. इसके साथ ही ब्लू पी और लैवेंडर टीबैग प्रोडक्ट को नीले मटर और लैवेंडर की शुद्ध तरीके से सूखी पत्तियों से बनाया जाता है. बताया गया कि कैमोमाइल टीबैग कैमोमाइल फूलों से बने होते हैं, जिनमें कोई केमिकल या दूसरी चीज नहीं मिलाई जाती है. वहीं, कोल्ड प्रोसेस्ड राइस जावाफूल प्रोडक्ट हाथ से पिसा हुआ ढेकी कुटा चावल है जो पारंपरिक मिल्ड चावल की तुलना में अधिक पोषण देता है. 
इसके अलावा शुद्ध देसी गाय का घी, कुट्टू का फलाहारी आटा, कुटकी बाजरा, रागी का आटा, कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल, कुट्टू और सूजी, मैकरोनी, महुआ गोंद के लड्डू और हाथ से बनी ट्रे बास्केट भी जशपुरे ब्रांड का हिस्सा हैं. 

पहल में अहम कड़ी बन रहीं महिला किसान  

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जशपुर जिले से आते हैं, उन्होंने कहा कि सरकार न केवल ब्रांड के जरिए महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों का उत्थान कर रही है, बल्कि देश के सामने जिले की समृद्ध विरासत को भी प्रदर्शित कर रही है. उन्होंने कहा कि मुझे इस पहल पर बेहद गर्व है और मुझे विश्वास है कि इसकी सफलता देशभर में इसी तरह के प्रयासों को प्रेरित करेगी, जिससे स्थायी आजीविका और मजबूत समुदाय का निर्माण होगा. 

ये भी पढ़ें - 

POST A COMMENT