जब भी आप सड़कों और खासकर हाईवे पर गाड़ी चलाते हैं तो आपने देखा होगा कि सड़कों के बीच डिवाइडर में छोटे-छोटे पेड़ या झाड़ियां लगी होती हैं. दरअसल इसके पीछे कई कारण होते हैं. आपको बता दें कि सड़क के दोनों तरफ से गाड़ी आते-जाते हैं. ऐसे में दूसरी तरफ से आ रहे वाहन को ठीक से समझ पाना आसान नहीं होता है. हाईवे पर गाड़ी बहुत तेज गति से चलते हैं, इसलिए उनकी रोशनी से आपकी आंखों का चौंधियाना बहुत आम है. इस परेशानी से बचाने के लिए सड़कों के बीच पेड़ या झड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि एक तरफ से आ रहे गाड़ी की लाइट सीधे ड्राईवर की आंखों पर न पड़े.
हालांकि सिर्फ यही एक कारण नहीं है बल्कि ये भी एक वजह है. डिवाइडर पर झाड़ियां सामने से आ रहे वाहनों की लाइट से बचाने के लिए लगाई जाती हैं. साथ ही सड़क पर चलने वाले वाहनों को गर्मी के मौसम में धूप और प्रदूषण से बचाने के लिए भी पेड़-झाड़ियां लगाई जाती हैं.
सड़कों पर बड़ी संख्या में कनेर की झाड़ियां लगाई जाती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कनेर के पौधे छोटे और फैले हुए होते हैं. साथ ही यह दीवारों, फुटपाथों, सड़कों और यहां तक कि सूखे से परावर्तित गर्मी को सोखने की क्षमता होती है. हालांकि, कनेर को ठंड बर्दाश्त करने में परेशानी होती है. इसलिए, यदि आप हल्के जलवायु वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो आप इस पौधे को कंटेनरों में उगा सकते हैं और मौसम ठंडा होने पर इसे अपने घर के अंदर रख सकते हैं. वहीं सड़क के डिवाइडर पर कई अन्य झड़ियां भी लगाई जाती हैं.
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सड़कों के बीच में झाड़ियां, बोगनवेलिया, गुड़हल, बॉटल ब्रश के पौधे भी लगाए जाते हैं. यह न केवल गर्मी, प्रदूषण और वाहनों की रोशनी से बचाते हैं बल्कि आपके रास्ते को आरामदायक भी बनाते हैं. इसके फूल यात्रियों की आंखों को सुकून देते हैं, जिससे आपकी यात्रा आसान हो जाती है. सबसे पहले, जमीन के एक बड़े क्षेत्र पर कंक्रीट या गिट्टी के पत्थर डालकर बनाई गई सड़क बारिश के पानी को जमीन में रिसने से रोकती है. इसे कम करने के लिए चौड़ी सड़कों के बीच में खाली जगह छोड़ी जाती है और उनमें झाड़ियां और पौधे लगाए जाते हैं.
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हम सभी जानते हैं कि पौधों का प्राकृतिक हरा रंग आंखों और दिमाग को सुकून देता है, जिससे वाहन चालकों को राहत मिलती है. यही वजह है कि ज्यादातर लंबी दूरी के राजमार्गों पर सड़कों के बीच में हरे पेड़ लगाए जाते हैं, ताकि इन सड़कों पर गाड़ी चलाने वाले लोगों की आंखों को आराम मिल सके. शोध से पता चला है कि जब काले पत्थर की सड़क के बीच में हरियाली दिखती है, तो मन खुश रहता है.
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