पंजाब के लुधियाना में डेयरी संचालकों को गोबर निपटान की समस्या से राहत देने के लिए बायोगैस प्लांट स्थापित किया जाएगा. जबकि, निजी कंपनी के जरिए वर्मीकंपोस्ट यूनिट भी बनाने की प्रक्रिया चल रही है. इस बायोगैस प्लांट और वर्मी कंपोस्ट यूनिट में हैबोवाल डेयरी कॉम्प्लेक्स से निकलने वाले गायों के गोबर को निपटान करने का इरादा है. हैबोवाल डेयरी कॉम्पलेक्स और ताजपुर एरिया में 400 से ज्यादा डेयरी यूनिट हैं और इनमें करीब 26 हजार पशु हैं. इन डेयरी में पाले गए पशुओं का गोबर निपटान करना बड़ी समस्या बना हुआ है. डेयरी संचालक बुद्धा दरिया में गोबर और कचरा डाल रहे हैं, जिससे पानी प्रदूषित होने के साथ ही वातावरण खराब हो रहा है.
पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री रवजोत सिंह और राज्यसभा सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल ने सोमवार को लुधियाना में ताजपुर रोड डेयरी कॉम्प्लेक्स और हैबोवाल डेयरी कॉम्प्लेक्स में डेयरी किसानों के साथ बैठक कर बुद्धा दरिया (Buddha Dariya) में गोबर फेंके जाने पर रोक लगाने की बात कही. बैठक में गोबर निस्तारण समस्या का सर्वसम्मत समाधान खोजने के लिए डेयरी किसानों से फीडबैक भी लिया गया.
मंत्री रवजोत सिंह ने कहा कि नगर निगम ने डेयरी इकाइयों से गोबर को घर-घर उठाने के लिए ठेकेदार को नियुक्त करने के लिए पहले ही निविदा जारी कर दी है. उस समय तक अस्थायी व्यवस्था की गई है और डेयरी किसानों से अपील की गई है कि वे अपने-अपने डेयरी कॉम्प्लेक्स में निर्धारित स्थलों पर गोबर फेंकें. डेयरी किसानों ने शर्तों पर सहमति जताई और आश्वासन दिया कि जब तक नगर निगम गोबर उठाने के लिए ठेकेदार को नियुक्त नहीं करता, वे निर्धारित स्थलों पर ही गोबर फेंकेंगे. डेयरी किसानों ने यह भी कहा कि यदि घर-घर जाकर गोबर उठाने की व्यवस्था की जाती है तो वे एक निश्चित राशि या शुल्क का भुगतान भी करेंगे.
मंत्री ने ताजपुर रोड पर डेयरी कचरे के ट्रीटमेंट के लिए स्थापित किए गए वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को ताजपुर रोड और हैबोवाल डेयरी परिसरों में दो बायोगैस प्लांट लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए. अधिकारियों ने बताया कि हैबोवाल डेयरी परिसर में एक बायोगैस प्लांट पहले से ही चालू है, लेकिन इसकी क्षमता कम होने से परिसर में एक अतिरिक्त प्लांट लगाया जा रहा है. बता दें कि बायोगैस प्लांट में बायोगैस बनाने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है. इससे कंप्रेस्ड बायोगैस बनती है, जिसका कुकिंग समेत कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय नगर निगम ने गोबर के उचित निपटान के लिए मदरपुरा गांव में वर्मीकम्पोस्ट फर्म एग्रीकेयर ऑर्गेनिक फार्म्स (Agricare Organic Farms) के साथ भी करार किया है. फर्म गोबर का इस्तेमाल वर्मीकंपोस्टिंग के लिए करती है. नगर निगम आयुक्त आदित्य दचलवाल के मार्गदर्शन में काम करते हुए एक सिस्टम बनाया गया है, जिसमें डेयरी मालिकों को निर्धारित जगहों पर गोबर डालने को कहा गया है. वहां से नगर निगम की टीम गोबर को उचित निपटान के लिए वर्मीकम्पोस्ट प्लांट में ट्रांसफर करेगी.
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