केंद्र सरकार के ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी (ONDC) पर 4 मार्च तक 5 हजार किसान उत्पादक (FPO) संगठन को जोड़ा गया है. जबकि, बाकी 3000 एफपीओ को 30 मार्च से पहले जोड़े जाने की उम्मीद है. उत्पादक संगठन किसानों की फसलों को ई-कॉमर्स के जरिए बिक्री करते हैं. इससे किसानों को अपनी फसल का सही दाम मिलता है और ऑनलाइन बिक्री के चलते भुगतान भी तेज होता है.
ग्राहकों को अपनी उपज ऑनलाइन बेचने के लिए 8,000 पंजीकृत किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में से लगभग 5 हजार को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पोर्टल पर 4 मार्च तक रजिस्टर कर दिया गया है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार किसानों को उनकी फसल बिक्री और तुरंत भुगतान दिलाने के लिए तेजी से एफपीओ से किसानों को जोड़ रहा है और एफपीओ को सीधे ओएनडीसी पर लिस्ट किया जा रहा है.
देश के किसी भी हिस्से में अपने खरीदारों तक पहुंचने के लिए ओएनडीसी पर एफपीओ को शामिल करना किसानों को बेहतर बाजार पहुंच उपलब्ध कराता है. सूत्रों ने बताया है कि 8000 में से बाकी 3000 किसान उत्पादक संगठनों को 30 मार्च से पहले ओएनडीसी पर लिस्ट करने की तैयारी चल रही है.
केंद्र सरकार ने 6,865 करोड़ रुपये के बजट के साथ वर्ष 2020 में 10,000 किसान उत्पादन संगठनों (एफपीओ) को रजिस्टर करने का लक्ष्य रखा गया था. इसमें से 8,000 से अधिक एफपीओ को रजिस्टर कर लिया गया है. इन एफपीओ में छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को शामिल किया जाता है. एफपीओ किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनकी आर्थिक ताकत और बाजार संपर्क बढ़ाने में भी मदद करते हैं. इसके अलावा किसानों की वित्तीय जरूरत भी पूरी करते हैं.
किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार किसान उत्पादक संगठनों यानी एफपीओ को 3 साल के लिए 18 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देती है. जबकि, किसानों को लोन के रूप में नकद राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है. अब तक 10.2 लाख से अधिक किसानों को कवर करते हुए 246 करोड़ रुपये की गारंटी कवरेज के लायक 1,101 एफपीओ को क्रेडिट गारंटी जारी की गई है. मंत्रालय ने कहा कि 145.1 करोड़ रुपये की मैचिंग इक्विटी अनुदान सीधे पात्र 3,187 एफपीओ के बैंक खाते में भेजी गई है.
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