बागवानी किसानों के लिए केंद्र सरकार ने एक नई स्कीम शुरू की है. यह स्कीम सब्सिडी जारी करने को लेकर है. यह स्कीम क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम यानी कि CDP के अंतर्गत लाई गई है. सीडीपी केंद्र सरकार का अभियान है जिसमें किसानों को बागवानी फसलों के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार ने इसके लिए एक प्लेटफॉर्म शुरू किया है जिसका नाम है CDP-SURAKSHA.
सीडीपी सुरक्षा के जरिये सरकार देश में बागवानी फसलों पर फोकस बढ़ाना चाहती है क्योंकि देश के कृषि क्षेत्र में बागवानी का एक तिहाई हिस्सा है. हाल के वर्षों में बागवानी फसलों की खेती में बंपर उछाल देखा गया है. 2010-11 में बागवानी फसलों की उपज 2400 लाख टन से बढ़कर 2020-21 में 3340 लाख टन हो गई है.
आइए जानते हैं कि सीडीपी-सुरक्षा क्या है और इससे किसानों को सब्सिडी का लाभ कैसे मिलेगा. CDP-SURAKSHA एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहां किसान बागवानी फसलों के लिए आसानी से और कम समय में सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म के जरिये किसानों के बैंक खाते में e-RUPI वाउचर के जरिये सब्सिडी का पैसा दिया जाता है.
ई-रुपी को भारत सरकार की संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी कि NPCL ने शुरू किया है. ई-रुपी डिजिटल रुपया है जिससे ऑनलाइन माध्यम से लेनदेन किया जाता है. सीडीपी-सुरक्षा पोर्टल का सहारा लेते हुए सरकार ई-रुपी के रूप में किसानों को सब्सिडी का पैसा देती है. सब्सिडी का पैसा जल्दी में इसलिए मिल जाता है क्योंकि यह पोर्टल एक साथ पीएम किसान, एनआईसी, यूआईडीएआई, ई-रुपी, जियो टैगिंग और जियो फेंसिंग से जुड़ा हुआ है.
आइए जानते हैं कि सीडीपी-सुरक्षा कैसे काम करता है. दरअसल, यह प्लेटफॉर्म किसान, दुकानदार, क्लस्टर डेवलपमेंट एजेंसी और नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड को एक साथ मिलाने का काम करता है. चूंकि यह सारा काम ऑनलाइन और तेज होता है, इसलिए किसानों को सब्सिडी देने में किसी तरह की देरी या असुविधा नहीं होती. वेरिफिकेशन का काम भी जल्दी में हो जाता है.
इस प्लेटफॉर्म पर किसान अपने मोबाइल नंबर से लॉगिन हो सकते हैं और सब्सिडी के अलावा अन्य कई सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. इतना ही नहीं, किसान इस प्लेटफॉर्म पर लॉगिन होकर बीज, नर्सरी और पौधे का ऑर्डर दे सकते हैं. किसान का ऑर्डल प्लेस होने के बाद पोर्टल पर ही बीज या पौधे का पैसा चुकाना होता है. किसान जितना पैसा चुकाएंगे, उस पैसे के हिसाब से पोर्टल पर ही सरकार की तरफ से सब्सिडी की गणना की जाएगी.
अंत में आती है सब्सिडी मिलने की बारी. सीडी-सुरक्षा पोर्टल पर ऑर्डर मिलने के बाद किसान के पते पर सामान जैसे कि बीज, नर्सरी, पौधा आदि डिलीवर किया जाता है. इसके लिए किसान को जियो टैगिंग के माध्यम से अपने खेत के फोटो और वीडियो अपलोड करने होते हैं. पोर्टल पर फोटो अपलोड होते ही AI के माध्यम से किसान के खाते में सब्सिडी का पैसा जारी कर दिया जाता है. यह पैसा एक ही स्टेज में दिया जाता है.
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