दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगर भारत के सबसे व्यस्त शहरों में से कुछ हैं. लेकिन शहर के शोर-शराबे से दूर, कुछ ऐसे गांव हैं जो शांत हैं और आपको ताज़ी हवा में सांस लेने देते हैं. भारत के ये खूबसूरत गांव शांति का प्रतीक हैं और प्रकृति के करीब हैं जो आपको हमेशा यहां रहने के लिए प्रेरित करेंगे. मालूम हो कि बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा भी भारत के इन सबसे खूबसूरत गांवों में जाना चाहते हैं. उन्होंने अपने घूमने के प्लान में इन जगहों को शामिल कर रखा है. ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं भारत के इन 10 सबसे खूबसूरत गांवों पर-
कल्पा, हिमाचल प्रदेश
कल्पा हिमाचल में एक बेहद ही खूबसूरत जगह है. कल्पा समुद्र तल से 2960 मीटर की ऊंचाई पर स्थित और शिमला से 260 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा कस्बा है. हिमाचल के इस खूबसूरत गांव को चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में गिना जाता है. वहीं, हिमाचल के कल्पा में सेब के बाग हैं, जो बेहद ही आकर्षक हैं. सेब के बगीचे यहां के निवासियों की जीविका का मुख्य साधन है.
मावलिननॉन्ग, मेघालय
मावलिननॉन्ग गांव स्वच्छता के मामले में एक मिसाल है. ये मेघालय की ईस्ट खासी हिल्स में स्थित है. इस गांव की खूबसूरती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे भगवान का बगीचा कहा जाता है. ये गांव कई सालों से स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध है. इसके अलावा, इस गांव में पेड़ों की जड़ों से ब्रिज बनाए गए हैं. इन ब्रिज की खूबसूरती देखते ही बनती है और ये ट्रेकिंग के लिए भी खास हैं.
कोल्लेंगोडे गांव, पलक्कड़ केरल
कोल्लेंगोडे, भारत के केरल राज्य के पलक्कड़ जिले के प्रमुख शहरों में से एक है. कोल्लेंगोडे केरल की संस्कृति के लिए जाना जाता है. कोल्लेंगोडे टाउन कोल्लेंगोडे ग्राम पंचायत और कोल्लेंगोडे ब्लॉक पंचायत का मुख्यालय है. कोल्लेनगोडे पलक्कड़ जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. यह पलक्कड़ से लगभग 26 किमी दूरी पर स्थित है.
मथुर गांव, कन्याकुमारी, तमिलनाडु
मथुर नामक गांव कन्याकुमारी के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है. इस गांव में एक एक्वाडक्ट है. जिसे मथुर हैंगिंग ट्रफ के नाम से भी जाना जाता है. मथुर एक्वाडक्ट शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित है और पूरे दक्षिण एशिया में सबसे ऊंचे और सबसे लंबे एक्वाडक्ट के रूप में जाना जाता है.
वरंगा गांव, कर्नाटक
वरंगा भारत के कर्नाटक के उडुपी जिले के करकला तालुक में एक गांव है. 2011 की जनगणना के अनुसार, इसकी जनसंख्या 4,011 है. यह गांव एक महत्वपूर्ण जैन केंद्र है. यहां 12वीं सदी का एक मंदिर है, जो झील के बीच में स्थित होने के कारण अद्वितीय माना जाता है. वहीं, मंदिर के मूलनायक 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ हैं.
गोरखे खोला, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल
गोरखे, दार्जिलिंग और सिक्किम के बीच रणनीतिक रूप से स्थित एक भव्य घाटी गांव है. यह एक छोटा सा गांव है जो घने देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है और इसमें एक छोटी नदी बहती है, जिसे गोरखे खोला (जो सिक्किम और पश्चिम बंगाल के बीच की सीमा को चिह्नित करती है) के नाम से जाना जाता है.
जिरांग गांव, ओडिशा
अरुणाचल प्रदेश का जिरो गांव अपनी खूबसूरती की वजह से जाना जाता है और यहां लोग अकसर शांत वातावरण का आनंद लेने आते हैं. यहां के खेत प्रकृति के करीब होने की वजह से सबसे ज्यादा आकर्षक लगते हैं.
जीरो गांव, अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश प्राकृतिक खूबसूरती से भरा हुआ है. यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो आपको प्रकृति को नजदीक से महसूस करने और शहरी शोर-शराबे से दूर मन को शांति का अनुभव करवाएंगे. ऐसी ही एक जगह यहां की जीरो वैली भी है. यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में भी सूचीबद्ध है जो लोगों को इस घाटी की ओर आकर्षित करने के लिए पर्याप्त है. इसके अलावा, यह राज्य के सबसे पुराने शहरों में से एक है.
माणा, उत्तराखंड
इस गांव के आसपास कई देखने लायक जगह मौजूद हैं. यहां सरस्वती और अलकनंदा नदियों का भी संगम देखने को मिलता है. साथ ही यहां कई प्राचीन मंदिर और गुफाएं भी हैं, जिन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ रहती है. इस गांव की ऊंचाई समुद्र तल से 18,000 फुट ऊंची है, जहां से वादियों की खूबसूरती देखने लायक है. बद्रीनाथ से तीन किमी की दूरी पर बसे इस गांव की सड़कें पहले कच्ची थी, जिस वजह से यहां लोगों को जाने में परेशानी होती थी, लेकिन अब सरकार ने यहां पक्की सड़कों की सुविधा करवा दी है. अब पर्यटक यहां आसानी से जा सकते हैं.
खिमसर गांव, राजस्थान
राजस्थान का खिमसर गांव रेत से घिरा हुआ है और गांव के बीच में एक झील है. इसे खिमसर सैंड ड्यून्स विलेज भी कहा जाता है. यह गांव नागौर उत्सव की मेजबानी के लिए जाना जाता है जो आसपास और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आकर्षित करता है. यह अन्य आकर्षणों के अलावा अपने जैन मंदिरों, सच्चिया माता मंदिर, खिमसर किला और धावा डोली वन्यजीव अभयारण्य के लिए भी जाना जाता है. खिमसर जोधपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है और रेगिस्तानी सफारी के लिए एक उत्तम जगह है.
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