रबी सीजन में सब्जियों की बुवाई का समय आ गया है. अक्टूबर के पहले सप्ताह के साथ ही रबी फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी. इस सीजन में टमाटर की खेती करने वालों को अच्छी कीमत मिलती है. टमाटर बुवाई में किसानों की रुचि को देखते हुए आईसीएआर ने टमाटर की नई हाइब्रिड किस्म पेश की है. कृषि वैज्ञानिकों ने इसे 'पूसा टमाटर हाइब्रिड 6' नाम दिया है. यह किस्म टमाटर में होने वाली 4 बीमारियों को रोकने में भी सक्षम है, जिससे इसकी बंपर उपज मिलती है और कीटों, रोगों की रोकथाम में लगने वाला खर्च भी बच जाता है. यह टमाटर की किस्म प्रति हेक्टेयर 600 क्विंटल से अधिक उपज देती है. सर्दियों में बाजार में बिकने के लिए तैयार होने के चलते उस दौरान टमाटर की कीमत अच्छी मिलती है. ऐसे में यह टमाटर की नई किस्म किसानों की जेबें भर सकती है.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली पूसा ने रबी सीजन में टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए नई किस्म 'पूसा टमाटर हाइब्रिड 6' दी है. कई फायदों के साथ ही यह टमाटर की किस्म बंपर पैदावार, कई बीमारियों से बचने में सक्षम होने के साथ ही इसके टमाटर का आकार दिल की तरह बनता है, जिससे बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है और कीमत भी अच्छी मिलती है. इस किस्म के फल का वजन 80-90 ग्राम होता है. खास बात है कि इस किस्म को खरीफ और रबी दोनों सीजन में बोया जा सकता है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा के अनुसार रबी सीजन के लिए इस 'पूसा टमाटर हाइब्रिड 6' किस्म की बुवाई छत्तीसगढ़, उड़ीसा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के किसान कर सकते हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के किसान भी इसकी खेती कर सकते हैं. बुवाई के 130 से 150 दिन बाद इसकी फसल तैयार हो जाती है. पूसा के वैज्ञानिकों के अनुसार खरीफ सीजन में बुवाई पर प्रति हेक्टेयर में 900 क्विंटल की उपज हासिल की जा सकती है. अगर रबी सीजन में 'पूसा टमाटर हाइब्रिड 6' किस्म की बुवाई करते हैं तो 600 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज हासिल की जा सकती है.
आईसीएआर के अनुसार 'पूसा टमाटर हाइब्रिड 6' 4 रोगों से लड़ने में सक्षम है और वे रोग हैं - टीओएलसीडी, लेट ब्लाइट, फ्यूजेरियम विल्ट और बैक्टीरियल विल्ट. बता दें कि यह तीनों बीमारियां टमाटर या दूसरी सब्जियों में भी फैल जाती हैं. इनके प्रकोप से पौधे का विकास रुक जाता है और फल का आकार छोटा होने के साथ ही धब्बेदार हो जाता है. इन बीमारियों के चलते फसल की उपज और क्वालिटी खराब हो जाती है.
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार रबी सीजन में टमाटर की फसल पाला नहीं सहन कर सकती है. इसकी खेती के लिए सही तापमान 18 से 27 डिग्री सेंटीग्रेट होना चाहिए. हालांकि, पूसा की 'पूसा टमाटर हाइब्रिड 6' किस्म इससे कम तापमान भी झेल सकती है. किसानों को पाला से फसल बचाने के लिए शेड या तिरपाल का इस्तेमाल कर लेना चाहिए. इसके अलावा टमाटर के पौधे में फूल आने के समय मिटटी चढ़ाना और पौधे का सहारा देना जरूरी होता है. इससे फल मिटटी और पानी के संपर्क में नहीं आ पाते जिससे फल के सड़ने की आशंका खत्म हो जाती है.
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