उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन करता है. प्रदेश की मुख्य व्यवसायिक फसल के रूप में गन्ने की फसल की बुवाई होती है. एग्रीकल्चर स्टेट बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले गन्ने में उत्तर प्रदेश अकेले 44.50 फीसदी गन्ने का उत्पादन करता है. इसमें गन्ने की उन्नत किस्मों की बड़ी भूमिका अहम रही है. असल में गन्ने की उन्नत किस्मों के लिए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में लगातार शोध कार्य चल रहे हैं, जिसका फ़ायदा यूपी के किसानों को मिल रहा है. लखनऊ स्थित संस्थान वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ ए पी दिवेदी ने बताया कि संस्थान ने कुछ ऐसी किस्मों को विकसित किया गया है, जो रोग रोधी के साथ-साथ अधिक उत्पादन देने वाली भी है. किसान इन किस्मों को लगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकता है.
कोलख 14201
गन्ने की कोलख-14201 किस्म का विकास उत्तर प्रदेश के लिए किया गया है. इस किस्म का गन्ना मध्यम आकार का मोटा व हल्के पीले रंग का होता है, जिस की पैदावार क्षमता 95 टन प्रति हेक्टेयर है. वहीं इस किस्म के गन्ने में शर्करा की मात्रा 18.60% है और पोल प्रतिशत 14.55 है. गन्ने की यह किस्म लाल सड़क व अन्य रोगों से उच्च व मध्यम प्रतिरोधी भी है.
कोलख-11203
गन्ने की यह अगेती किस्म है, जिसको पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए विकसित किया गया है. इस किस्म का गन्ना मोटा तथा हरापन लिए हुए हल्के पीले रंग का होता है. इस किस्म की गन्ना उत्पादन 82 टन प्रति हेक्टेयर है. इस गन्ने की किस्म में शर्करा की मात्रा 18.04% है तथा कुल पोल प्रतिशत की लगभग 13.36% है. लाल सड़न रोग के प्रति मध्यम अवरोधी है.
कोलख-09204
गन्ने की इस किस्म का विकास पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के लिए किया गया है. इस किस्म का गन्ना मध्यम मोटा तथा हरे रंग का होता है. वहीं पत्ती धनुष आकार नीचे की तरफ फैली हुई होती है. इस किस्म का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 82.8 टन है. वहीं रस में शर्करा की मात्रा 17% है, जबकि पोल प्रतिशत केन 13.22% है. यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रति माध्यम से पूर्ण अवरोधी है.
कोलख-11206
गन्ने की एक किस्म का विकास उत्तर पश्चिम क्षेत्र, उत्तराखंड ,हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के लिए किया गया है. इस किस्म का गन्ना मध्य मोटा तथा पीले रंग का होता है. इससे किस्म का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 91.5 टन है. वहीं रस में शर्करा की मात्रा 17.65% है तथा कुल पोल प्रतिशत केन लगभग 13.42% है. यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रति मध्यम अवरोधी भी है.
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