केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के पूसा स्थित सुब्रमण्यम हॉल में राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (Launch of National Pest Surveillance System (NPSS)) का शुभारंभ किया. उन्होंने किसानों और एफपीओ प्रतिनिधियों से बातचीत की. कार्यक्रम में बताया गया कि NPSS खेती के विकास के उद्देश्य से और फसलों के नुकसान को रोकने के लिए एआई तकनीक से लैस कीट मैनेजमेंट सिस्टम फसलों के उत्पादन बढ़ाने में मददगार होगा.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात' की तरह कृषि मंत्रालय किसानों के लिए सितंबर से 'किसानों की बात' कार्यक्रम शुरू करेगा. रेडियो टीवी के जरिए प्रसारण किया जाएगा. कार्यक्रम किसान, वैज्ञानिक शामिल होंगे और फसलों की बीमारी, उपज की जानकारी देंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि हूती विद्रोहियों के चलते शिपमेंट में देरी समेत अन्य बाधाओं के बावजूद हमने 1350 रुपये में मिलने वाली डीएपी का रेट हमने बढ़ने नहीं दिया.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि खेती में केमिकल फर्टिलाइजर का ऐसे ही इस्तेमाल होता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब धरती माता उपज देने से मना कर देगी. उन्होंने कहा कि सही ढंग से प्राकृतिक खेती में उतना ही उत्पादन होगा जितना केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल से होता है. जबकि, गुणवत्ता पहले से भी बेहतर होगी. कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए मिशन जल्द आने वाला है, उसकी पूरी रूपरेखा बन गई है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विकास केंद्र को पूरी तरह से किसानों से जोड़ने की जरूरत है. ये नाममात्र नहीं चलने चाहिए, इसे मजबूत करने की जरूरत है. ये ऐसी नोडल एजेंसी होगी जो किसानों को वैज्ञानिक लाभों को तुरंत ट्रांसफर करेगी. उन्होंने किसानों से केवीके से जुड़ने की अपील की.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए बीते दिनों 109 जलवायु अनुकूल किस्में लॉन्च की हैं. इन फसलों में 30 फीसदी कम फसल की खपत होगी.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अपर सचिव फैज अहमद किदवई ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग से लैस राष्ट्रीय कीट निगरानी सिस्टम (NPSS) फसल की फोटो देखकर बता देगा कि उसमें कौन सा कीट लगा है और कौन सी दवा फसल में डालनी है. उन्होंने कहा कि यह सिस्टम 15 फसलों में लगे कीट की जानकारी देगा और सही दवा इस्तेमाल करने की सलाह भी देगा.
फैज अहमद किदवई ने कहा कि राष्ट्रीय कीट निगरानी सिस्टम (NPSS) में 61 फसलों को जोड़ा गया है, आगे और फसलों को जोड़ा जाएगा. इस सिस्टम के जरिए किसानों को 95 फीसदी सही सलाह मिलेगी. किसानों की सहूलियत के लिए कीट मैनेजमेंट सिस्टम की मोबाइल एप्लीकेशन भी उपलब्ध कराई गई है, जिसे किसान डाउनलोड कर सकते हैं.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाना जरूरी है. पीएम किसान सम्मान निधि से किसानों को आर्थिक मदद दी गई है. 10 हजार एफपीओ का निर्माण किया गया है, ताकि किसानों को मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि कृषि नवीनता और समृद्धि लाना है.
कृषि मंत्री ने शिवराज सिंह ने गुजरात से आए एफपीओ के डायरेक्टर अंकित पटेल से बात की. अंकित पटेल ने बताया कि उनके एफपीओ का सालाना 6 करोड़ का टर्नओवर किया है. उन्होंने कहा कि 30 लाख का प्रॉफिट कमाया. उनके एफपीओ से 700 किसान जुड़े हैं. गंजम से मिलेट्स प्रोडक्ट बनाने वाले एफपीओ से कृषिमंत्री ने बातचीत की. वहीं, भूपेंद्र सिंह भरतपुर राजस्थान से आए किसान ने कहा कि वह 9 बीघे में खेती करते हैं. वह 5-5 बीघे में गेहूं और सरसों पैदा करते हैं. उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना का लाभ मिला है.
कीट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए तुरंत डेटा और मॉडर्न एनालिटिक्स का लाभ उठाकर कीटों की सटीक पहचान, निगरानी की जा सकेगी. कीट मैनेजमेंट सिस्टम से किसानों को लाभ होगा, क्योंकि यह कीटों के हमलों और फसल रोगों के लिए तुरंत समाधान देता है. इसके अलावा फसलों के नुकसान को कम करता है और उत्पादन में बढ़ोत्तरी में मददगार है. कीट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए कृषि को आधुनिक बनाने, खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने और खेती की टिकाऊ कार्य प्रणालियों को बेहतर करने की दिशा में अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है.
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