मध्य प्रदेश में खाद कालाबाजारी के मामलों पर लगाम लगाने के लिए संलिप्त लोगों पर एफआईआर दर्ज करने और अवैध स्टॉक पाए जाने पर माल जब्त करने के साथ ही विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद राज्य में 50 से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. देवास और नरसिंहपुर में भारी मात्रा में उर्वरक का अवैध स्टॉक पकड़ा गया है. उधर, कटनी, छतरपुर, मुरैना समेत अन्य जिलों में डीएपी, एनपीके और यूरिया की नई रैक पहुंच गई हैं. इससे उपलब्धता में कोई कमी नहीं होने की बात कही गई है. बता दें कि राज्य के किसान हर दिन लगभग 27 हजार मीट्रिक टन डीएपी और यूरिया की खरीद कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खाद की उपलब्धता और कालाबाजारी को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध होने के बावजूद, जहां भी वितरण में अनियमितता की शिकायतें मिलेंगी, वहां दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सख्त निर्देशों के चलते कालाबाजारी करने वाले 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआई दर्ज की गई है. जबकि, कई विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति भी की गई है.
नरसिंहपुर जिले में मेसर्स मां शारदा ग्रुप उमरिया के प्रो. गौरव साहू के गोदाम में अवैध उर्वरक का भंडारण पाया गया. निरीक्षण के दौरान 68.355 मीट्रिक टन यूरिया और 17.15 मीट्रिक टन सिंगल सुपर फॉस्फेट अवैध भंडारण के रूप में पाई गई. अवैध भंडारण पर थाना कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है. इसके साथ ही देवास जिले के कलेक्टर ऋषभ गुप्ता के नेतृत्व में जांच के दौरान प्रभारी धीरज भडावदिया के गोदाम में अवैध रूप से उर्वरकों का भंडारण मिला है. यहां लगभग 203 बोरी डीएपी, 27 बोरी अमोनियम फास्फेट सल्फेट और इसके 600 बोरी कच्चे माल से भरी हुई पाई गईं हैं. इस मामले में थाना सिविल लाईन देवास में एफआईआर दर्ज की गई है और माल को जब्त किया गया है.
छतरपुर जिले में 3 हजार 800 मीट्रिक टन यूरिया, 700 मीट्रिक टन एनपीके एवं 2400 मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध है. सोमवार को सोसायटियों के माध्यम से 350 मीट्रिक टन 1 हजार 350 किसानों को कुल खाद वितरित किया गया है. इसके साथ ही डबल लॉक छतरपुर से कृषकों को 800 बोरी एनपीके किसानों को दी गई. कृषि अधिकारी श्री केके वैध ने बताया की आगे भई खाद की आपूर्ति बनी रहेगी और आपूर्ति अनुसार किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा. किसान समितियों से डीएपी खाद प्राप्त कर सकते हैं.
मुरैना जिले में रबी फसल के लिए अभी तक 43 हजार 101 मैट्रिक टन खाद की बिक्री की जा चुकी है. जबकि, अभी भी जिले के स्टॉक में 11 हजार 138 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है. जिले की अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी ने बताया है कि रीवा में 28 नवंबर व एक दिसंबर को खाद की दो रैक आ रही हैं, जिले के किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो जाएगी. किसान अपनी एक सप्ताह की आवश्यकता के अनुसार खाद खरीद सकते हैं.
कटनी जिले के लिए झुकेही रैक प्वाइंट पर रविवार की शाम 1212 मीट्रिक टन खाद की एक और रैक पहुंची. झुकेही रैक प्वाइंट पर डीएपी और अमोनियम फास्फेट सल्फेट की खेप पहुंची है. कटनी जिले के कलेक्टर ने कहा कि जिले में हर प्रकार के उर्वरक की है पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है. किसानों को उनकी मांग के अनुसार खाद दी जा रही है.
उर्वरकों की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने उर्वरक बिक्री की नोडल एजेंसी मार्कफेड के 254 अतरिक्त बिक्री केंद्र खोले हैं. 45 दिन में किसान 14 लाख मीट्रिक टन डीएपी-एनपीके और यूरिया खरीद ले गए हैं. राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 अक्टूबर से 20 नवंबर तक 7.3 लाख मीट्रिक टन यूरिया की खरीद किसानों ने की है. जबकि, अब तक डीएपी और एनपीके की 6.1 लाख मीट्रिक टन बिक्री की गई है. राज्य में हर दिन किसान 11,500 मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके खरीद रहे हैं. जबकि, हर दिन किसान 16,000 मीट्रिक टन यूरिया खरीद रहे हैं.
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