2 हजार रुपये किलो तक बिकती है काली हल्दी, जानिए व्यावसायिक खेती करने का तरीका और मुनाफा!

2 हजार रुपये किलो तक बिकती है काली हल्दी, जानिए व्यावसायिक खेती करने का तरीका और मुनाफा!

काली हल्दी में बहुत सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसी वजह से बाजार में इसकी कीमत भी पीली हल्दी के अपेक्षाकृत बहुत ज्यादा है. वहीं, काली हल्दी का इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स उत्पाद बनाने में भी किया जाता है.

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2 हजार रुपये किलो तक बिकती है काली हल्दी, जानिए व्यावसायिक खेती करने का तरीका और मुनाफा!काली हल्दी की खेती

देश में अधिकांश किसान सीमांत और छोटे किसानों की श्रेणी में आते हैं, जिनके पास एक से लेकर दो हेक्टेयर तक ही कृषि योग्य जमीन है. ऐसे में पारंपरिक फसलों की खेती के सहारे किसानों के लिए अपनी आय बढ़ाने का काम काफी चुनौती पूर्ण हो जाता है. हालांकि, मौजूदा वक़्त में बहुत सारे प्रगतिशील किसान पारंपरिक फसलों में लगातार कम होते फायदे की वजह से व्यावसायिक की खेती कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

इसी कड़ी में किसानों के बीच पिछले कुछ वर्षों में हल्दी की खेती का चलन बढ़ा है. हालांकि, अभी भी ज़्यादातर किसानों सबसे ज्यादा पीली हल्दी की खेती करते हैं, जबकि काली हल्दी की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है. ऐसे में आइए आज हम आपको यह बताते हैं कि काली हल्दी की खेती से बंपर मुनाफा कैसे कमा सकते हैं-

काली हल्दी की खेती कब की जाती है?

काली हल्दी की खेती के लिए जून माह का अंतिम सप्ताह और जुलाई माह का शुरुआती सप्ताह सबसे उत्तम माना जाता है. वहीं, काली हल्दी की खेती के लिए भुरभुरी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. अगर आप काली हल्दी की खेती से अधिक उपज और लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो खेती के लिए ऐसे खेत का चुनाव करें जहां जलनिकासी की अच्छी व्यवस्था हो, क्योंकि खेत में बारिश का पानी रुकने की वजह से फसल खराब होने की संभावना होती है. 

काली हल्दी की खेती में खर्च 

एक हेक्टेयर क्षेत्र में काली हल्दी की खेती में लगभग 2 क्विंटल बीज लग जाते हैं. वहीं, काली हल्दी को अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए इसके लागत में भी ज्यादा खर्च नहीं आता है. इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. इस वजह से फसल में रोग और कीट लगने की संभावना भी कम होती है.

काली हल्दी में पाए जाने वाले औषधीय गुण

काली हल्दी में बहुत सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसी वजह से बाजार में इसकी कीमत भी पीली हल्दी के अपेक्षाकृत बहुत ज्यादा है. वहीं, काली हल्दी का इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स उत्पाद बनाने में भी किया जाता है. इसके अलावा डॉक्टर्स भी निमोनिया, खांसी, बुखार, अस्थमा जैसी समस्याओं के होने पर इसके सेवन की सलाह देते हैं. साथ ही कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों में उपयोग होने वाली दवाओं को बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

काली हल्दी की व्यावसायिक खेती से लाभ 

एक एकड़ में कृषि योग्य भूमि में से तकरीबन 50-60 क्विंटल काली कच्ची हल्दी का उत्पादन हो जाता है. वहीं एक एकड़ में सूखी हल्दी का तकरीबन 12-15 क्विंटल तक का उत्पादन हो जाता है. वहीं, बाजार में काली हल्दी 500 रुपये से 2 हजार रुपये किलो तक बिकती हुई पाई जाती है. इसके अलावा कई ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर काली  हल्दी की कीमत 3 हजार रुपये किलो तक है. ऐसे में काली हल्दी की खेती किसान के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है.

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