नैनो तरल यूरिया पेश करने के बाद विश्व के सबसे बड़े उर्वरक सहकारिता संस्था इफको का लक्ष्य जल्द ही 600 रुपए में आधा लीटर नैनो डीएपी उर्वरक को बाजार में उतारने का है. इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) के प्रबंध निदेशक यूएस अवस्थी ने कहा है कि इफको की आगामी खरीफ सीजन से 600 रुपए प्रति बोतल (500 मिलीलीटर) पर नैनो-डीएपी की पेशकश करने की संभावना है.
दरअसल, अवस्थी ने कहा है कि इफको ने नैनो डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) भी विकसित किया है और इस उत्पाद को बाजार में पेश करने के लिए सरकार की मंजूरी के लिए पहले ही आवेदन कर चुकी है. वहीं अगले महीने इस पर सरकार से मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि नैनो-डीएपी की एक बोतल डीएपी के एक बोरी के बराबर होगी. वहीं डीएपी की एक बोरी बाजार में 1350 रुपए में बेचा जाता है. ऐसे में नैनो-डीएपी से किसानों की लागत में कमी आएगी.
इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी ने एक कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगले 5 वर्षों में उर्वरक सब्सिडी पर देश का विदेशी मुद्रा खर्च शून्य हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इफको नैनो-पोटाश, नैनो-जिंक और नैनो-कॉपर उर्वरक भी लाने की योजना बना रही है. वहीं इफको ने अब तक नैनो यूरिया की पांच करोड़ बोतलों का उत्पादन किया है, जिनमें से 4.85 करोड़ बोतलें बेची जा चुकी हैं.
उन्होंने कहा कि उर्वरकों पर सरकार की सब्सिडी भी काफी कम हो जाएगी क्योंकि देश आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है. उर्वरकों पर 1.09 लाख करोड़ रुपए से अधिक सब्सिडी की मांग के बाद सरकार का उर्वरक सब्सिडी बिल चालू वित्त वर्ष के दौरान 1.05 लाख करोड़ (बजट अनुमान) से बढ़कर लगभग 2.15 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नैनो यूरिया पर कोई सरकारी सब्सिडी नहीं है और इसे 240 रुपये प्रति बोतल की दर से बेचा जा रहा है.
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