कम कीमत के बावजूद नैनो यूरिया से दूरी बना रहे किसान, सरकार से कर रहे आधी कीमत में ड्रोन देने की मांग

कम कीमत के बावजूद नैनो यूरिया से दूरी बना रहे किसान, सरकार से कर रहे आधी कीमत में ड्रोन देने की मांग

किसानों का कहना है कि अगर सरकार किसानों को आधी कीमत पर ड्रोन उपलब्ध करा दे तो नैनो यूरिया का छिड़काव आसान हो जाएगा और शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ेगा, लेकिन ड्रोन के अभाव में नैनो यूरिया का छिड़काव नहीं हो पाता है. इसलिए भिंड के किसान नैनो यूरिया के इस्तेमाल से दूर भाग रहे हैं.

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कम कीमत के बावजूद नैनो यूरिया से दूरी बना रहे किसान, सरकार से कर रहे आधी कीमत में ड्रोन देने की मांग नैनो यूरिया के इस्तेमाल से पीछे हट रहे किसान, जानें क्या है वजह

किसानों के खेत की फसल उत्पादन क्षमता बढ़ाने और किसानों का खर्च कम करने के उद्देश्य से सरकार ने किसानों को नैनो यूरिया बाटना शुरू किया है. लेकिन नैनो यूरिया लेने में किसानों की दिलचस्पी जरा भी नहीं दिख रही है. नैनो यूरिया के छिड़काव को लेकर होने वाली परेशानी और फसल की उत्पादन क्षमता में अच्छे परिणाम नहीं मिलने पर किसान नैनो यूरिया को लेने से कतरा रहे हैं. हालांकि पांच बोरी यूरिया के साथ एक बोतल नैनो यूरिया किसानों को अनिवार्य रूप से लेने की गाइडलाइन शासन द्वारा जारी की गई है. लेकिन किसान इसके बावजूद नैनो यूरिया की बोतल लेने को तैयार नहीं है. जो किसान नैनो यूरिया लेने के पक्ष में है वह सरकार से आधी कीमत में ड्रोन उपलब्ध कराने की मांग भी कर रहे हैं.

दरअसल अपनी खेतों में अच्छी फसल की पैदावार करने के लिए किसान यूरिया का इस्तेमाल करता है. इसके लिए किसान लंबी-लंबी कतारों में लगकर यूरिया की बोरियां लेता हैं. किसानों की सुविधा के लिए ही यूरिया वितरण केंद्रों पर नैनो यूरिया की बोतल भी किसानों को दी जा रही है. लेकिन किसान नैनो यूरिया की बोतलें खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.

किसानों ने बताई नैनो यूरिया की समस्या

भिंड में यूरिया वितरण केंद्र पर पहुंचे प्रमोद नाम के किसान ने बताया कि नैनो यूरिया से समस्या आ रही है. टेक्निकल जमाने में नैनो यूरिया का छिड़काव काफी परेशानी भरा है. किसान प्रमोद का कहना है कि अगर सरकार किसानों को आधी कीमत पर ड्रोन उपलब्ध करा दे तो नैनो यूरिया का छिड़काव आसान हो जाएगा और शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ेगा, लेकिन ड्रोन के अभाव में नैनो यूरिया का छिड़काव नहीं हो पाता है. प्रमोद की तरह ही यूरिया का बैग लेने आए गणपत नाम के किसान ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती नैनो यूरिया की बोतल दी जा रही है. गणपत ने बताया कि पिछली साल उन्होंने नैनो यूरिया ट्राई करके देखा था लेकिन फसल में कोई फर्क दिखाई नहीं दिया. इसलिए नैनो यूरिया लेने से कोई लाभ नहीं है. इसके साथ ही नैनो यूरिया को छिड़कने में परेशानी भी आती है, मशीन मांगनी पड़ती है और फिर मशीन की मदद से छिड़काव करना पड़ता है. लेकिन नैनो यूरिया से कोई फायदा नहीं है तो हम नैनो यूरिया की बोतल क्यों खरीदें?

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कृषि विस्तार अधिकारी ने बताए नैनो यूरिया के फायदे

इस संबंध में भिंड के ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी बालिस्टर सिंह का कहना है कि नैनो यूरिया की बोतल किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है. एक बीघा खेत में खड़ी फसल पर नैनो यूरिया की एक बोतल पर्याप्त होती है. ढाई ढक्कन नैनो यूरिया की लिक्विड को 10 लीटर पानी में मिलाकर मशीन की मदद से फसल पर छिड़काव किया जाता है. जिससे यूरिया का पूरा लाभ फसल को मिलता है. इसके अलावा नैनो यूरिया की कीमत महज 225 रुपए प्रति बोतल है. जबकि यूरिया की बोरी की कीमत 270 रुपये है. इसलिए नैनो यूरिया से किसान को फायदा ही है. लेकिन छिड़काव के झंझट से किसान बचाना चाहता है इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. साथ ही कृषि विस्तारक अधिकारी ने बताया कि यूरिया की पांच बोरी के साथ एक नैनो यूरिया की बोतल किसान को दी जा रही है, ताकि नैनो यूरिया का प्रचार प्रसार भी हो सके.

क्या हैं नैनो यूरिया के फायदे?

नैनो यूरिया के बारे में और बारीकी से जानकारी लेने पर यह मालूम हुआ कि नैनो यूरिया तरल होने की वजह से यह फसल की पत्तियों पर छिड़काव किया जाने पर पत्तियों पर ज्यादा देर तक टिका रहता है और इस वजह से फसल को नाइट्रोजन पर्याप्त मात्रा में मिलता है और फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है. हालांकि नैनो यूरिया की बोतल लेने में किसान दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार भिंड जिले में किसानों को वितरित करने के लिए 50000 नैनो यूरिया का लक्ष्य रखा गया है लेकिन अभी तक महज 5000 नैनो यूरिया की बोतल ही बिक्री हो सकी हैं. थोड़ी सी मेहनत और जागरूकता के अभाव में किसान नैनो यूरिया की बोतल खरीदने में दिलचस्पी नहीं ले रहे है. (भिंड से हेमन्त शर्मा की रिपोर्ट)\

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