रासायनिक खादों के जगह और जैविक खाद यानी बायो फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया जाए तो यह ना सिर्फ उपज बढ़ती है बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य को भी ठीक करने का काम करती है. जैव उर्वरक रासायनिक उर्वरकों के प्राकृतिक, पर्यावरण-अनुकूल विकल्प हैं, जो मिट्टी की उर्वरता और पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं. कम मात्रा में भी, जैव उर्वरक फसल की पैदावार को काफी बढ़ा सकते हैं. जैव उर्वरकों का उपयोग करने का एक प्रभावी तरीका बुवाई से पहले बीज उपचार करना है.
जैव उर्वरकों के साथ बीज उपचार में राइजोबिया, एज़ोस्पिरिलम और फॉस्फोरस-घुलनशील बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों के मिश्रण की मदद से बीजोपचार करना चाहिए. ये लाभकारी सूक्ष्मजीव बीज के अंकुरण, जड़ विकास और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं, जिससे पौधे स्वस्थ होते हैं और पैदावार बढ़ती है.
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बीज के अंकुरण और उभरने में सुधार कर सकते हैं
जड़ विकास और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ा सकते हैं
फसल की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं
रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम कर सकते हैं, जिससे टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा
यह एक जैव उर्वरक है जो नाइट्रोजन की आपूर्ति करता है. राइजोबियम बैक्टीरिया सभी फलीदार फसलों और सोयाबीन और मूंगफली जैसी तिलहन फसलों की जड़ों में छोटे-छोटे पिंडों में पाया जाता है, जो एक सहजीवी जीव के रूप में कार्य करता है और वातावरण में उपलब्ध नाइट्रोजन को पौधों तक पहुँचाता है. राइजोबियम बैक्टीरिया अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग होते हैं, इसलिए बीज उपचार के लिए एक ही फसल की संस्कृति का उपयोग किया जाना चाहिए.
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