जलवायु अनुकूल फसलों के लिए नई किस्मों के विकास के साथ ही बीजों के संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है. केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) से 20,000 और सहकारी समितियों को जोड़ने के साथ ही पारंपरिक बीज किस्मों को संरक्षित करने को कहा है. उन्होंने कम पानी में पैदा होने वाली पारंपरिक फसलों के बीजों को संरक्षित करने के साथ ही हाइब्रिड बीजों की न्यूट्रीशन वैल्यू का मूल्यांकन करने के निर्देश दिए हैं.
भारतीय बीज सहकारी समिति कई राज्यों में काम कर रही है. वर्तमान में छह राज्यों में 5,596 हेक्टेयर में स्थापित तथा प्रमाणित बीज पैदा कर रही है. इसके साथ ही मौजूदा रबी सीजन के दौरान 8 फसलों की 49 किस्मों की बुवाई की गई है, जिससे 164,804 क्विंटल उत्पादन की उम्मीद है. केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) के प्रदर्शन की समीक्षा की.
सहकारी संस्था भारतीय बीज सहकारी समिति ने परिचालन शुरू करने के बाद से अब तक 41.5 करोड़ रुपये मूल्य के 41,773 क्विंटल बीज बेचे हैं. इसमें मुख्य रूप से गेहूं, मूंगफली, जई और बरसीम फसलों के बीज शामिल हैं. भारतीय बीज सहकारी समिति के पास 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 20,000 से अधिक सहकारी समितियां शेयरधारक हैं. इसका टारगेट 2032-33 तक 18,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करना है. जबकि, 40,000 करोड़ के अनछुए बीज बाजार की संभावनाओं का लाभ उठाना है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2025-26 के दौरान 20,000 और सहकारी समितियों को अपने दायरे में लाने का टारगेट रखा है. इसके साथ ही कम पानी में पैदा होने वाली बीज किस्मों को संरक्षित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय बीज सहकारी समिति को पारंपरिक बीजों के संग्रह और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसके लिए 10 साल का रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंत्रालय और बीज सहकारी समिति के शीर्ष अधिकारियों से निर्धारित टारगेट की नियमित समीक्षा करने, विशेष रूप से बीज उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है. भारतीय बीज सहकारी समिति की प्रमोटर कंपनियों इफको और कृभको के साथ ही उर्वरक सहकारी समितियों से केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे देशी और हाइब्रिड बीजों के न्यूट्रीशन वैल्यू का मूल्यांकन करें और दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाएं.
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