बिहार के ठाकुरागंज में बड़े पैमाने पर तेजपत्ते की खेती हो रही है. किसान तक की टीम ने चाय बागान में युवा किसान जेमिनी कृष्णा से मुलाकात की. उन्होंने चाय के बागान में तेजपत्ते का पेड़ लगाया है. ऐसा करने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि चाय के पौधों को धूप से बचाने के लिए तेजपत्ते का पेड़ लगाया. इसके आगे तेज पत्ते की खेती के बारे में उन्होंने बताया कि एक बार में तीन से पांच क्विंटल पत्ते निकल जाते हैं. अगस्त-सितंबर में तेजपत्ते के पेड़ की हार्वेस्टिंग होती है. पेड़ से पत्तों को तोड़ने के बाद दो दिन सुखाए जाते हैं. डार्क ग्रीन रंग के होने के बाद पत्ते तोड़े जाते हैं. देखें किसान तक संवाददाता अंकित सिंह की रिपोर्ट
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