शहद उत्पादन को लेकर भारत में तेजी से काम काम हो रहा है. इसका उत्पादन बढ़ रहा है. लेकिन अब कंपनियां अलग-अलग फ्लेवर वाले शहद की बिक्री कर रही हैं. इन्हीं में से एक है तुलसी शहद. यह एक गहरे रंग का शहद है, जो भारत के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में तुलसी के खेतों में मधुमक्खी पालन से प्राप्त होता है. यह शहद तुलसी की खुशबू से सुगंधित है. इसलिए इसे तुलसी शहद कहते हैं. इसके आधे किलो का दाम ऑनलाइन 350 से 1,000 रुपये किलो तक है. स्वाद में अनोखे इस शहद को तुलसी के फूलों से रस के जरिए तैयार किया जाता है. तुलसी का पौधा भारत में एक पवित्र जड़ी बूटी माना जाता है. तुलसी शहद आपकी चाय या कॉफी में कुछ स्वाद और मिठास बढ़ाने का काम कर सकता है.
तुलसी शहद का स्वाद अनोखा है. इसमें पुदीना, साइट्रस और जड़ी-बूटियों के गुण हैं, जो इसे आपकी चाय या कॉफी का स्वाद बढ़ा सकता है. इसका शहद थोड़ा अधिक मीठा है जो आपके मीठे खाने के शौक को पूरा कर देगा. तुलसी कच्चा शहद भी एंटीऑक्सिडेंट का एक बड़ा स्रोत है, जो आपके शरीर को हानिकारक विषाक्त पदार्थों से बचाने में मदद कर सकता है. यदि आप ऐसे शहद की तलाश में हैं जो स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक दोनों हो, तो तुलसी कच्चा शहद अवश्य आजमाएं. आपको इसका पछतावा नहीं होगा.
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भारत को दुनिया भर में शहद के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक माना जाता है. इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए नेशनल बी बोर्ड बनाया गया है. उसके अनुसारन भारत ने वित्त वर्ष 2021-2022 में लगभग 1,55,000 टन शहद का उत्पादन किया. उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा शहद उत्पादक राज्य है, जो देश के शहद उत्पादन का 30 प्रतिशत से अधिक शेयर रखता है. राज्य में मधुमक्खी पालन की एक पुरानी परंपरा है. कई किसान और ग्रामीण परिवार इसे आय के पूरक स्रोत के रूप में अपनाते हैं. आमतौर पर सरसों बेल्ट में इसकी खेती अधिक होती है. लेकिन अब दूसरे क्षेत्रों में अलग-अलग फ्लेवर के शहद तैयार किए जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में तुलसी शहद, लीची शहद, सरसों शहद और मल्टी-फ्लोरल शहद का उत्पादन हो रहा है. वहीं मध्य प्रदेश भी सबसे बड़ा शहद उत्पादक राज्य है,जो देश के शहद उत्पादन का लगभग 7 प्रतिशत हिस्सा रखता है. राज्य में वनस्पतियों और जीवों की विविध श्रृंखला है, जो इसे मधुमक्खी पालन के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है.
तुलसी शहद एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है. यह शरीर में मुक्त कणों से लड़ने और कोशिकाओं को क्षति से बचाने में मदद करता है. यह तुलसी शहद को समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाता है.
तुलसी शहद भी सूजन रोधी है. इसका मतलब है कि यह शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है.
तुलसी शहद में जीवाणुरोधी गुण होते हैं. इसका मतलब यह है कि यह उन बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकता है जो बीमारी या संक्रमण का कारण बन सकते हैं.
तुलसी शहद का उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों और स्थितियों के इलाज के लिए किया जा सकता है. तुलसी के पौधे के जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण शहद में ट्रांसफर हो जाते हैं. जिसका फायदा शहद खाने वालों को मिलता है.
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