तोरिया की बुवाई के लिए यही है सही समय, ये 4 किस्में दिलाएंगी बंपर उपज और मोटा मुनाफा

तोरिया की बुवाई के लिए यही है सही समय, ये 4 किस्में दिलाएंगी बंपर उपज और मोटा मुनाफा

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के प्रसार शिक्षा एवं प्रशिक्षण ब्यूरो के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को तोरिया खेती के लिए सलाह जारी की है. जिन किसानों ने खरीफ सीजन की बड़ी फसलों जैसे धान, मक्का आदि की बुवाई नहीं की है, उनके लिए तोरई की बुवाई के यह सही समय है. देरी करने पर गेहूं की बुवाई पर असर पड़ सकता है.

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तोरिया की बुवाई के लिए यही है सही समय, ये 4 किस्में दिलाएंगी बंपर उपज और मोटा मुनाफातोरई की बुवाई के लिए अच्छी किस्म का चुनाव काफी अहम है.

तोरिया की खेती करने के लिए ये सही समय है. जिन किसानों ने खरीफ सीजन की बड़ी फसलें नहीं उगाई हैं वे अपने खेत में तोरई की बुवाई कर सकते हैं. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि तोरई के लिए यह समय इसलिए भी सही है क्योंकि गेहूं की बुवाई तक तोरई फसल कट जाएगी और वे रबी गेहूं की बुवाई कर सकेंगे. लेकिन, तोरई की अच्छी किस्म के बीच का चुनाव बेहद जरूरी है. इसके लिए कृषि एक्सपर्ट ने किसानों को 4 किस्मों के नाम भी सुझाए हैं, जिनकी बुवाई से बंपर उपज हासिल की जा सकती है और मोटा मुनाफा बनाया जा सकता है. 

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के प्रसार शिक्षा एवं प्रशिक्षण ब्यूरो के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को तोरिया खेती के लिए सलाह जारी की है. जिन किसानों ने खरीफ सीजन की बड़ी फसलों जैसे धान, मक्का आदि की बुवाई नहीं की है, उनके लिए तोरई की बुवाई के यह सही समय है. सितंबर के पहले सप्ताह से 50 दिनों तक बुवाई के लिए उपयुक्त समय है. इसके बाद बुवाई करने पर गेहूं की बुवाई में देरी का सामना करना पड़ सकता है. 

इन 4 उन्नत किस्मों की बुवाई की सलाह 

कृषि एक्सपर्ट ने तोरई की खेती के लिए 4 उन्नत किस्मों की बुवाई की सलाह किसानों को दी है. कृषि एक्सपर्ट ने कहा है कि जिन किसानों ने अपने खेतों में धान, ज्वार, मक्का, लोबिया नहीं बोई है क्योंकि वह गेंहू की फसल भी लेना चाहते हैं तो उन्हें तोरई की उन किस्मों की बुवाई करनी होगी, जो जल्दी कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं. 

  1. T- 36 (पीली) तोरिया बीज.
  2. T- 9 (काली) तोरिया बीज.
  3. Pt303 (काली) तोरिया बीज.
  4. PT30 (काली) तोरिया बीज.

ज्यादा उपज और अच्छी कीमत मिलेगी 

कृषि एक्सपर्ट ने कहा है कि किसान ऊपर बताई गई तोरिया बीजों की बुवाई करते हैं तो उन्हें कटाई के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा और वह गेहूं की फसल की बुवाई भी समय पर कर पाएंगे. इसके अलावा इन तोरिया किस्मों की उपज अच्छी होती है. साथ ही किसानों को बाजार में दाम भी अच्छा मिलता है. 

बंपर उपज के लिए ये उपाय अपनाएं किसान

  1. कृषि एक्सपर्ट की सलाह में कहा गया कि तोरिया बुवाई के बाद किसानों को फसल सिंचाई और मिट्टी की देखभाल करनी बेहद जरूरी होती है. 
  2. इसके अलावा पौधों के विकास के लिए बुवाई के समय 20 किलो ग्राम नाइट्रोजन की मात्रा और 30 किलो ग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से इस्तेमाल करना चाहिए. 
  3. इसके बाद समान रूप से दूसरी खुराक पौधों में फूल आने के समय देनी चाहिए. 
  4. तोरिया की फसल को केवड़ा और भूरी रोग का खतरा ज्यादा रहता है. 
  5. इन रोग से फसल को बचाने के लिए थाइरम नामक फंफुदनशक 2 ग्राम दवा प्रति किलोग्राम बीज दर से उपचार करना चाहिए.
  6. केवड़ा रोग से बचाव के लिए किसान डायथीन जेड 78 प्रति हेक्टेयर में 10 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए.

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