
अर्किड, कारनेशन, लिली, ट्यूलिप और एंथूरियम अब केवल यूरोप के घरों में ही नहीं सजते, बल्कि इंडिया में भी ये फूल 'फ़ैशन स्टेटमेंट' बन गए हैं. अब नया फूल एडेनियम घरों और बालकनियों को खूबसूरत बनाने लगे हैं और लोगों के मिजाज को खुशनुमा बनाने लगे हैं. एडेनियम मूल रूप से अफ्रीका और अरब देशों का पौधा है. यह गुलाब न केवल खुशबू से, बल्कि आकार और लंबाई की वजह से भी काफी चर्चित है. इसे आमतौर पर रेगिस्तानी गुलाब या डेजर्ट रोज कहा जाता है. यह गुलाब अपने शानदार दिखावटी फूलों के लिए जाना जाता है, जो आमतौर पर गुलाबी या लाल रंग के होते हैं. इसका व्यास आमतौर पर 3 इंच तक होता है. लेकिन अब भारत में भी इसे व्यापक रूप से उगाया जा रहा है. इस पौधे की देखभाल करना अपेक्षाकृत बहुत ही आसान है. इसे गमले में उगाकर आप अपने घर में प्राकृतिक खुशबू का अनुभव कर सकते हैं.
डॉ अभिषेक कुमार सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र के हेड और बागवानी विशेषज्ञ ने बताया कि एडेनियम की कई प्रजातियां हैं, जिनमें मुख्य रूप से एडेनियम ओबेसम प्रमुख है. यह समशीतोष्ण क्षेत्र में बोन्साई के रूप में आसानी से उगाया जा सकता है. एडेनियम विभिन्न रंगों में खिलता है और इसके फूलों का स्वरूप आकर्षक होता है. यह एक सदाबहार और सूखापन में रसीला पौधा है जो ठंड के मौसम में अपने पत्ते को भी गिरा देता है. इसका तना मोटा होता है और इसकी उम्र लगभग 25 से 30 साल होती है. इसके फूल के रंग गुलाबी, लाल, सफेद और पीले होते हैं. इसका पौधा धूपीय स्थान और सर्दियों में न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 42 डिग्री सेल्सियस तापमान बर्दाश्त कर सकता है. इसे घर के लिविंग रूम में रखना सही होता है. इसकी सुगंध माहौल को पॉजिटिव बनाए रखने में मदद करती है.
बागवानी विशेषज्ञ ने बताया कि एडेनियम को गमले में उगाना बहुत ही आसान है. इसे ज्यादा गहराई वाले गमले में नहीं लगना चाहिए, कम गहराई वाले ट्रे पॉट या गमले सबसे बेहतर होते हैं. गमले के नीचे होल्स होने चाहिए ताकि पानी अच्छे से निकल सके, जिससे गमले में अधिक पानी न रहे. बीज से पौधा उगाने के लिए, बड़े गमले में बीज बो दें और उन्हें धूप में रखें, और नियमित रूप से पानी दें. बीज से पौधा उगाने में कुछ समय लग सकता है. अगर आप छोटे पौधे खरीदना चाहते हैं, तो उन्हें सीधे गमले में लगा सकते हैं.
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डॉ सिंह ने बताया कि गर्म वातावरण में, पौधों में बहुत अधिक मात्रा में फूल आते हैं. उन्हें लगाने के लिए अच्छी तरह से सूखी मिट्टी का मिश्रण तैयार करें, जिसमें मिट्टी, रेत और कोकोपीट को 2:1:1 के अनुपात में मिलाएं. उसके बाद सिंचाई करें. गर्मियों में, 7 से 10 दिनों के अंतराल पर पानी दें और सर्दियों में 15 से 20 दिनों के अंतराल पर पानी देना चाहिए. कटाई के लिए मार्च महीना उपयुक्त माना जाता है. इसे कम पानी देने की जरूरत होती है और जैसे-जैसे यह पुराना होता है, यह और भी खूबसूरत होता है. इसके फूल तुरही के आकार के होते हैं और इनमें पांच पंखुड़ियां होती हैं, जो एक तारे के आकार में दिखाई देती हैं. ये फूल अत्यधिक सुगंधित होते हैं और मधुमक्खियों और तितलियों सहित विभिन्न प्रकार के परागणकों को आकर्षित करते हैं. एडेनियम ओबेसम का फूल लंबा होता है और यह एक बोन्साई के रूप में भी उग सकता है.
डॉ अभिषेक के अनुसार, इसके पौधे की कटाई मार्च महीने में करते हैं और इसे कम पानी देने की जरूरत होती है. इसके पौधों का प्रसारण मुख्य रूप से बीज या तने के द्वारा किया जाता है और नर्सरी तैयार करने के लिए अंकुर के मूल वृंत्त पर ग्राफ्टिंग भी किया जाता है. एक पौधा तैयार करने में खर्च लगभग 20 से 25 रुपये होता है और तैयार पौधों को 150 से 300 रुपये तक के मूल्य में बेचा जा सकता है. इस प्रकार, अडेनियम की पौध तैयार करने से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलते हैं.
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