उत्तराखंड ने JICA के साथ मिलकर बागवानी के विकास के लिए उठाया ये कदम, किसानों को होगा फायदा

उत्तराखंड ने JICA के साथ मिलकर बागवानी के विकास के लिए उठाया ये कदम, किसानों को होगा फायदा

उत्‍तराखंड सरकार के बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के साथ 17 जनवरी, 2025 को ‘उत्तराखंड एकीकृत बागवानी विकास संवर्धन परियोजना’ नाम की तकनीकी सहयोग परियोजना (टीसीपी) के लिए आधिकारिक समझौता दस्तावेज, रिकॉर्ड्स ऑफ डिस्‍कशन साइन किए हैं. 

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उत्तराखंड ने JICA के साथ मिलकर बागवानी के विकास के लिए उठाया ये कदम, किसानों को होगा फायदाउत्‍तराखंड बागवानी विभाग और JICA ने शुरू किया नया प्रोजेक्‍ट

उत्‍तराखंड में राज्‍य सरकार बागवानी के विकास और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए लगातार कोई न कोई कदम उठा रही है. अब राज्‍य सरकार के बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के साथ एक समझौता किया है. विभाग ने 17 जनवरी, 2025 को ‘उत्तराखंड एकीकृत बागवानी विकास संवर्धन परियोजना’ नाम की तकनीकी सहयोग परियोजना (टीसीपी) के लिए आधिकारिक समझौता दस्तावेज, रिकॉर्ड्स ऑफ डिस्‍कशन साइन किए हैं. 

इन दो जिलों को होगा फायदा

इस प्रोजेक्‍ट के उद्देश्य में उत्तराखंड के दो जिलों- टिहरी गढ़वाल और नैनीताल में मार्केट ओरिएंटेड प्रोडक्‍शन के इंटीग्रेटेड मॉडल को बढ़ाने और डिस्‍ट्रब्‍यूशन सर्विस के सही मैनेजमेंट के जरिए बागवानी फसलों के स्थिर उत्पादन को बढ़ावा देना और मार्केटिंग सिस्‍टम को मजबूत करना शामिल है. यह प्रोजेक्‍ट चार साल तक चलेगा, जिससे उम्‍मीद है कि यह  राज्य भर में मार्केट ओरिएंटेड प्रोडक्‍शन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन मॉडल के विस्तार में दीर्घकालिक उद्देश्य को पूरा करने में योगदान देगा.

उत्तराखंड की 39 प्रतिशत आबादी खेती और प्राथमिक क्षेत्र में काम कर रही है, जबकि‍ 90 प्रतिशत किसान दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले हैं. यही वजह है कि राज्य में बागवानी के आगे बढ़ने बहुत संभावनाएं हैं. हालांकि, किसानों तक उन्नत तकनीकों की सीमित पहुंच, अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जैसी चुनौतियों है, जिसके कारण राज्‍य में बागवानी का विकास बाधि‍त हुआ है. 

ट्रेनिंग और तकनीकी मार्गदर्शन में मदद

तकनीकी सहयोग परियोजना के तहत जिला बागवानी अधिकारियों और विस्तार कर्मचारियों के कैपेसिटी डेवलपमेंट पर काम किया जाएगा. इसके अलावा, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग (DHFP), स्थानीय अफसरों और JICA विशेषज्ञों सहित प्रमुख हितधारकों की सक्रिय भागीदारी, तकनीकी मार्गदर्शन देने और इनिश‍िएटिव की दीर्घकालिक स्थिरता को बनाए रखने में जरूरी भूमिका निभाएगा.

रिकॉर्ड्स ऑफ डिस्‍कशन के जरिए निरंतर सहयोग के माध्यम से बागवानी विभाग और JICA बेहतर बुनियादी ढांचा बनाकर इसके इफिशिएंट इस्‍तेमाल, बाजार के अवसरों को बढ़ाने और किसानों को बागवानी क्षेत्र में पनपने के लिए जरूरी संसाधनों और नॉलेज देने की दिशा में काम करेंगे.

टिकाऊ और समावेशी विकास को मिलेगा बढ़ावा

इस इनिशि‍एटिव का एक मोटिव कृषि उत्पादकता को मजबूत करना, स्थायी आजीविका को बढ़ावा देकर व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना, ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना और उत्तराखंड के बागवानी उद्योग में दीर्घकालिक लचीलापन को बढ़ावा देना है.

JICA India के मुख्य प्रतिनिधि ताकुरो ताकेउची ने कहा कि यह प्रोजेक्‍ट उत्तराखंड के कृषि क्षेत्र में टिकाऊ और समावेशी विकास को बढ़ावा देगा. हम प्रोजेक्‍ट के सफल कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं.

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