उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की हर तहसील में जैव ऊर्जा नीति के तहत बायो ऊर्जा सीबीजी प्लांट स्वीकृत किया गया है. इस प्लांट में एग्रीकल्चर वेस्ट, खराब सब्जियां, गोबर , मैली और पराली के माध्यम से रसोई में प्रयोग होने वाली गैस का उत्पादन किया जाएगा. जिले के खतौली तहसील के अंतर्गत बडसू गांव में किसान की बेटी डॉ डोली सैनी ने गिरवर एंड सन्स बायो एनर्जी प्लांट लगाया है. इस प्लांट की क्षमता 5.6 टन है . वहीं दूसरे गांव खेड़ी वीरान में भी बायो सीबीजी प्लांट में 10 टन रसोई गैस तैयार हो रही है. यह गैस इंडियन आयल के माध्यम से वाहनों और आईजीएल के माध्यम से घर की रसोई में पहुंचनी शुरू हो गई है.
जैव ऊर्जा नीति के तहत मुजफ्फरनगर की बडसू और खेड़ी विरान में वायु ऊर्जा सीबीजी प्लांट लगाया जा चुका है. इस प्लांट के मदद से प्रतिदिन 10 टन गैस का उत्पादन हो रहा है जिसकी माध्यम से सड़कों पर चलने वाले वाहन और घर की रसोई में खाना पकेगी. खतौली तहसील के बडसू गांव में 48 बीघा जमीन में यह प्लांट लगाया गया है. इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और गेल कंपनी इस गैस को खरीद रही है. गांव खेड़ी विरान में बायोस्पार्क एनर्जी लिमिटेड के नाम से यह दूसरा प्लांट लगाया गया है. यहां प्रतिदिन चार टन बायोगैस का उत्पादन हो रहा है. यह गैस इंडियन आयल खरीद रहा है. प्लांट से पेट्रोल पंप तक लाइन बेचकर आपूर्ति की जा रही है. फिलहाल प्लांट से बुढ़ाना गांव के 10 टन प्रतिदिन का उत्पादन ग्रीन हाउस बायो एनर्जी के नाम से तैयार किया गया है. यह प्लांट 26 बीघा पर बनाया जा रहा है. दो माह में इसकी भी चालू होने की संभावना है.
मुजफ्फरनगर जिले के खतौली तहसील के बडसू गांव में प्रदेश का पहला बायो ऊर्जा संयंत्र को स्थापित किया गया है. इस प्लांट का संचालन किसान की बेटी डॉ. डोली सैनी कर रही हैं. डॉ डोली सैनी ने बताया कि आईजीएल और गेल को कंपनी 73 रुपए प्रति किलो के भाव से गैस बेच रहे हैं. सरकार की इस योजना से पूरे प्रदेश में यह पहला संयंत्र शुरू हो चुका है. 25 करोड रुपए प्लांट पर खर्च आया है. इस प्लांट में उपयोग जमीन खुद की है.
बायो ऊर्जा प्लांट से उत्पादन होने वाली गैस के बड़े खरीदार इंडियन ऑयल और आईजीएल है. नेडा के परियोजना अधिकारी भजन सिंह ने बताया कि भारत सरकार की जैव ऊर्जा नीति के तहत इस प्लांट को लगाया गया है. सरकार की तरफ से 75 लाख रुपए टन के हिसाब से सब्सिडी दी गई है. जिले में इंडियन आयल और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड सीधे गैस को खरीद रहे हैं. बायोगैस वेस्ट मटेरियल से बनाई जा रही है. फिलहाल जिले में दो प्लांट चालू हो गए हैं और तीसरा तैयार हो रहा है.
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