आलू की मांग बाजार में पूरे साल बनी रहती है. वहीं, यह गेहूं, धान तथा मक्का के बाद सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल है. भारत में यह विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है. आलू की स्वादिष्ट पकवानों से लेकर कई उत्पादों में बड़ी हिस्सेदारी है. यही वजह है कि देशभर से किसान आलू की खेती (Potato Cultivation) से जुड़े हुए हैं. आलू जमीन के नीचे पैदा होता है. ऐसे में आलू की फसल तैयार होने पर खुदाई का कार्य किया जाता है, जिसमें काफी मेहनत लगती है.
वहीं, अगर किसान आलू की खुदाई हाथ से करते हैं, तो इसमें लागत ज़्यादा आती है और मज़दूरों की भी ज़रूरत पड़ती है. इसके अलावा, हाथ से आलू की खुदाई करने पर फसल की बर्बादी भी होती है. किसानों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक कृषि यंत्र (Agriculture Machinery) बनाया गया है, जिसका नाम पोटैटो डिगर है. पोटैटो डिगर एक ऐसी मशीन है, जो आलू खुदाई के कार्य को बेहद आसान बनाती है.
पोटैटो डिगर (Potato Digger) मशीन का इस्तेमाल आलू की खेती में किया जाता है. वहीं, इस कृषि यंत्र के जरिए मिट्टी से आलू आसानी से निकाला जा सकता है. पोटैटो डिगर (Potato Digger) मशीन की मदद से आलू निकालने पर समय और लागत दोनों की बचत होती है. यह मशीन ब्लेड, चेन कनवेयर बेल्ट, गियर बॉक्स आदि से लैस होता है. वहीं इसका इस्तेमाल ट्रैक्टर की मदद से किया जाता है.
• यह मशीन मिट्टी से आलू निकालकर चिपके हुए मिट्टी को भी झाड़ देता है.
• आलू को नुकसान नहीं पहुंचता, वो बिना कटे बाहर निकलते हैं.
• इसकी गहराई को बढ़ा-घटा भी सकते हैं.
• ये ब्लेड, चेन कनवेयर बेल्ट, गियर बॉक्स आदि से लैस होता है.
• खेत में साफ आलू मिट्टी की सतह पर गिरते हैं.
• इस कृषि यंत्र के प्रयोग से समय पर आलू की खुदाई होती है.
अगर पोटैटो डिगर मशीन की कीमत की बात करें, तो इसकी कीमत लगभग 40 हज़ार रुपए की कीमत से शुरुआत होती है, जो कि डेढ़ लाख तक रहती है. इसके अलावा पोटैटो डिगर मशीन की कीमत (Potato Digger Price) कंपनी और तकनीक पर भी निर्भर करती है.
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