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Agri robots: कृषि क्षेत्र में शुरू हुआ रोबोट का इस्तेमाल, किसानों की बढ़ने लगी है दिलचस्पी

Agri robots: कृषि क्षेत्र में शुरू हुआ रोबोट का इस्तेमाल, किसानों की बढ़ने लगी है दिलचस्पी

कृषि क्षेत्र में नई तकनीकी की समावेश को लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. देश के अलग-अलग शहरों में किसान और कृषि से जुड़े हुए स्टार्ट-अप के साथ-साथ एफपीओ को एक मंच पर लाने की कोशिश हो रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी  के प्रयासों के चलते भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान  में एकदिवसीय एग्री उड़ान कार्यशाला का आयोजन किया गया

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लखनऊ में एक मंच पर दिखें  किसान और कृषि से जुड़े हुए स्टार्ट-अप लखनऊ में एक मंच पर दिखें किसान और कृषि से जुड़े हुए स्टार्ट-अप

कृषि क्षेत्र में नई तकनीकी की समावेश को लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. देश के अलग-अलग शहरों में किसान और कृषि से जुड़े हुए स्टार्ट-अप के साथ-साथ एफपीओ को एक मंच पर लाने की कोशिश हो रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी  के प्रयासों के चलते भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में एग्री उड़ान एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में कार्य कर रहे स्टार्ट-अप के संचालकों ने किसानों और एफपीओ के साथ अपनी तकनीकी ज्ञान को साझा किया. लखनऊ में यह कार्यक्रम नाबार्ड के साथ मिलकर किया गया. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक संजय के.डोरा ने बताया कि देश एवं उत्तर प्रदेश में तेजी से हो रहे बदलाव एवं इसकी बहुमुखी प्रगति के लिए कृषि क्षेत्र में तकनीकी समावेश की जरूरत है. प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित अप स्टार्ट-अप नीति की भी उन्होंने सराहना की. उन्होंने बताया कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए मशीनीकरण का लाभ उठाने वाले कृषि स्टार्ट-अप को आगे बढ़ाने की जरूरत है. 

स्टार्ट-अप के जरिए कृषि क्षेत्र का होगा विकास

राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी हैदराबाद ने किसानों और एफपीओ को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए स्टार्ट-अप को मजबूत करने की कोशिश में जुटा हुआ है. संस्थान के निदेशक डॉ. श्रीनिवास राव ने बताया कि उत्पादन बढ़ाने, भोजन की बर्बादी को कम करने एवं कृषि समुदाय के लिए मूल्य संवर्धन बढ़ाने के लिए किसानों और स्टार्टअप के बीच तालमेल होना जरूरी है. इसीलिए नए  स्टार्ट-अप को बढ़ने के लिए उनका संस्थान विशेष सहयोग  दे रहा है. उन्होंने बताया कि मोटे अनाज के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. बाजार की मांग के अनुरूप बाजरा में मूल्य संवर्धन पर जोर दिया जाए जिससे किसानों की आजीविका में सुधार होगा. सामूहिक दृष्टिकोण को बताते हुए खेती के साथ स्वभाविक स्वरूप से एक समूह प्रयास है जो भविष्य में कृषि प्रतिमान के रूप में एफपीओ के गठन को बढ़ावा देती है.  हैदराबाद स्थित स्टार्ट-अप फार्म साथी के फाउंडर सुशांत ने बताया की उन्होंने वर्तमान कृषि क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए रोबोट को तैयार किया है. रोबोट के जरिए कृषि क्षेत्र में किसानों की बहुत मदद होगी. भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 20 स्टार्ट-अप, एफपीओ के साथ-साथ प्रदेश के 75 किसानों ने हिस्सा लिया.

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गन्ने के क्षेत्र में उपयोगी हैं स्टार्ट-अप

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ.आर विश्वनाथन ने गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में स्टार्ट-अप की भूमिका पर विशेष जोर दिया. गन्ने और कम जीआई  वस्तुओं और नाइट्रीफाइड फाइबर जैसे मूल्य वर्धित उत्पादन में आईआईएसआर की प्रगति पर देश की निगाहें हैं. गन्ने के रस को फल के जूस के साथ मिला जैम एवं जेली बनाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया की स्टार्ट-अप और किसानों के बीच उपयोगी सहयोग के लिए गठजोड़ कार्यक्रम की जरूरत थी. भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि  स्टार्ट-अप के जरिए किसानों को नई तकनीकी कौशल से परिचित कराने का यह एक विशेष प्रयास था. इस कार्यक्रम के जरिए किसान और एफपीओ को विशेष लाभ भी मिलेगा.