कम बारिश के कारण मांग प्रभावित होने का असर भारत में ट्रैक्टर खरीद पर पड़ता दिख रहा है. मैन्यूफैक्चरर्स के ताजा बिक्री आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के दौरान कुल ट्रैक्टर बिक्री में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. अब धनतेरस और दीपावली के मद्देनजर ट्रैक्टर मैन्यूफैक्चरर्स को नवंबर-दिसंबर में बिक्री की गति लौटने की उम्मीद है.
भारत में ट्रैक्टर की कुल बिक्री मौजूदा वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 9,44,000 यूनिट पर पहुंची है. यह आंकड़ा सालाना आधार पर 12% अधिक है. साल 2019 से लगातार ट्रैक्टर बिक्री में सालाना आधार जारी बढ़त बरकरार है. हालांकि, घरेलू बिक्री के मामले में गिरावट दर्ज की गई है. ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के लिए ऑनलाइन एग्रीगेटर ट्रैक्टर जंक्शन के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में घरेलू ट्रैक्टर की बिक्री 5% घटकर 117,714 यूनिट रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 123,526 यूनिट थी.
ट्रैक्टर की बिक्री के लिए सितंबर-नवंबर बेस्ट समय माना जाता है, क्योंकि किसान अपनी खरीफ (मानसून के बाद) फसलों की कटाई करते हैं, जबकि अगले सीजन के लिए बुआई की तैयारी करते हैं. ऐसे में उन्हें कृषि कार्यों के लिए ट्रैक्टर की सख्त जरूरत होती है. यदि खरीफ फसल का उत्पादन और कीमतें अच्छी हैं तो उन्हें आगामी रबी बुवाई सीजन के लिए ट्रैक्टरों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
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कृषि मंत्रालय के अनुसार देश का चावल उत्पादन जो मुख्य खरीफ फसल है, वह प्रमुख उत्पादक राज्यों में कम बारिश के कारण फसल सीजन 2023-24 के दौरान 3.79% घटकर 106.3 मिलियन टन होने का अनुमान है. इसके साथ ही चीनी उत्पादन में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है. ट्रैक्टर मैन्यूफैक्चरर्स का मानना है कि इन दोनों बड़ी फसलों में गिरावट के संकेतों ने किसानों के बीच ट्रैक्टर की मांग को हतोत्साहित किया है. ET की रिपोर्ट के अनुसार घरेलू स्तर पर ट्रैक्टर बिक्री लगातार दो महीने में और सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की जा रही है जो तनाव का संकेत है.
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