Bijnor Farmer Story: सफलता की कुंजी एक ऐसा चिराग है, जिसे हर कोई पाना चाहता है. लेकिन इसके लिए मेहनत, परिश्रम, धैर्य, बल, आत्मविश्वास, जैसी कई चीजें व्यक्ति में होनी चाहिए. इस बात को सही साबित करने का काम किया है उत्तर प्रदेश के रहने वाले शरद कुमार सिंह ने जिन्होंने खेतीबाड़ी में एक मिसाल कायम किया हैं. 12वीं तक अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले बिजनौर जिले के हरगनपुर गांव निवासी शरद सिंह आज आधुनिक खेती से सालाना 40 लाख रुपये के करीब मुनाफा कमा रहे हैं. शरद आज गेहूं, जौ, धान, दलहन, तिलहन और कई तरह की सब्जियों की खेती करते हैं. इसके अलावा डेयरी फार्मिंग और पोल्ट्री फार्मिंग अच्छी खासी इनकम हो रही है. वहीं मोटे अनाज जैसे ज्वार और बाजरा की खेती भी कर रहे है.
इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में प्रगतिशील किसान शरद कुमार सिंह ने बताया कि 1991 में 7 एकड़ जमीन पर खेती की शुरुआत की थी. लेकिन आज मौजूदा वक्त में लगभग 40 एकड़ खेत पर खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गन्ना की फसल छोड़कर सभी प्रकार की खेती करते है.
वहीं मशरूम की खेती भी समय-समय पर करते है. सफल किसान के रूप में अपनी पहचान बना चुके शरद सिंह ने बताया कि मौसमी हरी सब्जियां जैसे लौकी, तोरई, पालक, बैंगन, कोड़ा, बंद गोभी, फूल गोभी, टमाटर अपने खेत में पैदा करते है, जिससे आय हो जाती है.
उन्होंने बताया कि सभी प्रकार की खेती के लिए हाईटेक मशीनों का प्रयोग करते है. आज गेहूं के उत्पादन में शरद सिंह हमेशा पहला स्थान हासिल करते है, जिससे जिले से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर में कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं. प्रगतिशील किसान शरद कुमार सिंह ने बताया कि, डेयरी फार्मिंग और पोल्ट्री फार्मिंग की सालाना लागत लगभग 2.5 लाख रुपये तक आती है और इससे लगभग 6-7 लाख रुपये तक आमदनी हो जाती है. डेयरी फार्मिंग
वहीं गेहूं, जौ, धान, दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती में लागत लगभग 10 लाख रुपये तक आ जाती है और कमाई 20 से 25 लाख रुपये तक हो जाता है. शरद कुमार बतातें हैं कि पिछले साल उनके खेत में गेहूं का उत्पादन प्रति हेक्टेअर 60 क्विंटल तक निकाला था. ऐसे में बीज भी ऊंची कीमत पर बिकता है.
बीते दिनों बिजनौर के गांव हरगनपुर के रहने वाले किसान शरद कुमार सिंह को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सभागार में हुए पांचवें कृषि कांग्रेस कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत ने सम्मानित किया था. उन्होंने बताया कि वो बिजनौर के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का भी सहयोग लेते हैं. किसान शरद कुमार सिंह ने बताया कि देसी गायों के गोबर और गोमूत्र के माध्यम से वह खेती करते हैं. जिसके जरिए उनकी फसलों का अब दोगुना उत्पादन हो रहा है. वहीं जो विभिन्न प्रकार के खाद में उनका पैसा खर्च होता था, उससे भी बचत हो रही है.
शरद ने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा, किसानों को खेती मन लगा कर करनी चाहिए. जितना हो सके खेती में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और उनके बारे में सिखना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने से कम लागत में किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता हैं.
ये भी पढे़ं-
UP News: खेती में करना है ड्रोन का इस्तेमाल तो यहां से लें फ्री ट्रेनिंग, IFCO ने शुरू की नई सुविधा
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today