Cyclone Michaung: मिचौंग से निपटने के लिए रेलवे की गाइडलाइन जारी, 100 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द किया
भारतीय रेल ने चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ से संभावित रूप से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सुचारु और सुरक्षित रेलवे सुविधाओं के लिए गाइडलाइन जारी की है. रेलवे ने इमरजेंसी कंट्रोल रूम के साथ ही बोर्ड स्तर पर वॉर रूम भी एक्टिव कर दिया है. रेलवे चौबीसों घंटे सभी लोकेशन की निगरानी कर रहा है. इसके अलावा 100 से ज्यादा ट्रेनों को भी रद्द किया गया है.
भारतीय रेल ने चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ से संभावित रूप से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सुचारु और सुरक्षित रेलवे सुविधाएं देने के लिए गाइडलाइन जारी की है. रेलवे ने चक्रवात से संबंधित आपदा प्रबंधन के लिए 24 घंटे निगरानी रखने और ट्रेनों के संचालन के लिए मंडल, मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक पाली में अधिकारियों की तैनाती है और इमरजेंसी कंट्रोल रूम के साथ ही बोर्ड स्तर पर वॉर रूम भी एक्टिव कर दिया है. रेलवे चौबीसों घंटे सभी लोकेशन की निगरानी कर रहा है. इसके अलावा रेलवे ने अलग-अलग रूट की 100 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया है.
रेलवे ने अधिकारियों, कर्मचारियों को निर्देश जारी किए
रेलवे की गाइडलाइन में कहा गया है कि अधिकारियों का मुख्य ध्यान जनहानि को रोकने और रेलवे की संपत्तियों को होने वाले नुकसान को कम रखने पर होना चाहिए. यदि आवश्यक हो तो मुख्यालय के परामर्श से टारगेट सेक्शन पर सभी यात्री और माल ढुलाई ट्रेनों का संचालन निलंबित किया जा सकता है.
चक्रवात के चलते जिन रेल सेक्शन में लगातार बारिश के बावजूद ट्रेनें चलायी जानी हैं, वहां मॉनसून गश्त सुनिश्चित की जानी चाहिए.
मॉनसून रिजर्व ट्रेनें, दुर्घटना राहत ट्रेनें और टावर वैगन को ईंधन से भरा होना चाहिए और कंपोनेंट्स, और राशन की उपलब्धता बनाए रखनी चाहिए.
आपात स्थिति से निपटने के लिए जरूरी ट्रेनों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में पूरी तरह से ईंधन वाले डीजल लोको को तैयार रखा जाएगा.
स्टेशनों के आसपास और साथ ही मिडिल सेक्शन में पटरियों के आसपास लगे होर्डिंग, बैनर को जहां भी संभव हो हटा दिया जाना चाहिए.
निकासी की आवश्यकता का आकलन करने और उचित राहत की व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कॉलोनियों पर नजर रखी जाएगी.
ट्रेनों को पूर्ण रूप से रद्द किए जाने, आंशिक रूप से रद्द किए जाने, रूट डायवर्जन की स्थिति में यात्रियों को समय पर सूचना दी जानी चाहिए.
उन स्थानों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी जहां पिछले चक्रवातों के दौरान सबसे अधिक क्षति हुई थी.