Chitrakoot Tiger Reserve: चित्रकूट के 'रानीपुर टाइगर रिजर्व' की बदलेगी तस्वीर, पर्यटन के साथ रोजगार और बहुत कुछ...

Chitrakoot Tiger Reserve: चित्रकूट के 'रानीपुर टाइगर रिजर्व' की बदलेगी तस्वीर, पर्यटन के साथ रोजगार और बहुत कुछ...

प्रदेश में लगभग 16,620 वर्ग किमी के वन क्षेत्र के साथ अनेक अति सुन्दर परिदृश्य, वन-विस्तार, बहती नदियों और लुभावने सुन्दर झरनों और बड़ी संख्या में लुप्तप्राय पक्षियों और जानवरों की उपलब्धता है. राज्य के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व से महज 150 किमी की दूरी पर स्थित है.

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Chitrakoot Tiger Reserve: चित्रकूट के 'रानीपुर टाइगर रिजर्व' की बदलेगी तस्वीर, पर्यटन के साथ रोजगार और बहुत कुछ...अब रानीपुर टाइगर रिजर्व की बदलेगी तस्वीर!

उत्तर प्रदेश में 'रानीपुर टाइगर रिजर्व' भारत का 53वां बाघ रिजर्व बन गया है. यह राज्य में चित्रकूट जिले के रानीपुर में स्थित है. यह दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ के बाद राज्य में चौथा टाइगर रिजर्व है. बता दें कि रानीपुर टाइगर रिजर्व में बाघ, तेंदुआ, भालू, सांभर, चित्तीदार हिरण, चिंकारा और कई पक्षी तथा सरीसृप पाये जाते हैं. 

मारकुण्डी निरीक्षण गृह और उसके आसपास के स्थानों पर चिन्हित भूमि को पर्यटन विकास परियोजना के निर्माण हेतु पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरण का मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. मंत्रिपरिषद ने तहसील मानिकपुर, जनपद चित्रकूट के क्षेत्रान्तर्गत रानीपुर टाइगर रिजर्व मारकुण्डी निरीक्षण गृह और उसके आसपास के स्थानों पर चिन्हित भूमि को पर्यटन विकास परियोजना के निर्माण हेतु पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तान्तरण के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. प्रकरण में आवश्यकतानुसार अग्रेत्तर निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है.

रोजगार के बढ़ेंगे अवसर

तहसील मानिकपुर, जनपद चित्रकूट के क्षेत्रान्तर्गत रानीपुर टाइगर रिजर्व मारकुण्डी निरीक्षण गृह व उसके आस-पास स्थानों पर पर्यटन विकास के कार्यों के लिए लैण्ड बैंक हेतु चिन्हांकित भूमि, जिसका कुल रकबा 49.364 हेक्टेयर है. ग्राम निहीं, गोबरहाई, इटवां डुडैला, टिकरिया जमुनहाई, बम्हिया में उपलब्ध यह भूमि खतौनी में ग्राम समाज की बंजर श्रेणी में दर्ज है. रानीपुर टाइगर रिजर्व के आसपास पर्यटन विकास सम्बन्धी गतिविधियों के फलस्वरूप स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और स्थानीय लोगों के आर्थिक-सामाजिक जीवन-स्तर का भी उन्नयन होगा. 

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 बाघ, तेंदुआ, भालू...

आपको बता दें कि प्रदेश में लगभग 16,620 वर्ग किमी के वन क्षेत्र के साथ अनेक अति सुन्दर परिदृश्य, वन-विस्तार, बहती नदियों और लुभावने सुन्दर झरनों और बड़ी संख्या में लुप्तप्राय पक्षियों और जानवरों की उपलब्धता है. राज्य के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व से महज 150 किमी की दूरी पर स्थित है. इस रिजर्व में बाघ, तेंदुआ, भालू, सांभर, चित्तीदार हिरण, चिंकारा और कई पक्षी तथा सरीसृप पाये जाते हैं. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ के बाद यह राज्य का चैथा टाइगर रिजर्व है.

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मंजूरी

रानीपुर टाइगर रिजर्व अधिसूचित होने के बाद भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा हो गया है. इस योजना में भारत सरकार तथा राज्य सरकार से बराबर की धनराशि प्राप्त होगी. इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में, मंत्रिमंडल ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत रानीपुर बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने की मंजूरी दी थी. यह अभयारण्य 52,989.863 हेक्टेयर में होगा, जिसमें 29,958.863 हेक्टेयर बफर क्षेत्र और 23,031.00 हेक्टेयर मुख्य क्षेत्र शामिल है. इसे पहले राज्य के चित्रकूट जिले में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था.

लोगों ने जताई उम्मीद

वहीं लोगों का कहना है कि टाइगर रिजर्व बन जाने के बाद यहां पर्यटकों का आना जाना बढ़ जाएगा. जिससे क्षेत्र के विकास में चार चांद लग जाएंगे. (लखनऊ से नवीन लाल सूरी की रिपोर्ट)

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