Jowar sugar syrup: ज्वार के तने से तैयार हुआ शहद का विकल्प, बदलने वाली है ज्वार के किसानों की क़िस्मत

Jowar sugar syrup: ज्वार के तने से तैयार हुआ शहद का विकल्प, बदलने वाली है ज्वार के किसानों की क़िस्मत

मीठी चरी से नाम से खरीफ सीजन के अंतर्गत ज्वार की खेती उत्तर भारत ही नहीं बल्कि देश के कई और राज्यों में भी बड़े पैमाने पर होती है. पशुओं को चारे के रूप में मीठी चरी का इस्तेमाल होता रहा है लेकिन अब राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने ज्वार के तने से निकले रस से एक ऐसा मीठा शहद बनाया है जो आने वाले समय में मधुमक्खी से बनने वाले शहद का विकल्प साबित होगा

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Jowar sugar syrup: ज्वार के तने से तैयार हुआ शहद का विकल्प, बदलने वाली है ज्वार के किसानों की क़िस्मत

मीठी चरी से नाम से खरीफ सीजन के अंतर्गत ज्वार की खेती उत्तर भारत ही नहीं बल्कि देश के कई और राज्यों में भी बड़े पैमाने पर होती है. पशुओं को चारे के रूप में मीठी चरी का इस्तेमाल होता रहा है लेकिन अब राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने ज्वार के तने से निकले रस से एक ऐसा मीठा शहद बनाया है जो आने वाले समय में मधुमक्खी से बनने वाले शहद का विकल्प साबित होगा. ज्वार से मिलने वाले शहद की गुणवत्ता भी काफी बेहतर है. वहीं इसके औषधिय लाभ भी है. राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने ज्वार के शहद का पेटेंट भी करा दिया है. इस दूरगामी शोध के परिणाम स्वरूप आने वाले समय में ज्वार से किसानों को अतिरिक्त आय भी प्राप्त हो सकेगी.

ज्वार के किसानों की बदलेगी किस्मत

देश में ज्वार की कुल 11 प्रजातियां हैं इनमें पांच ऐसी किस्मे मौजूद है जिसके तने से मीठा रस निकलता है. राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर नरेंद्र मोहन ने किसान तक को बताया कि इस शोध के परिणाम स्वरूप ज्वार के तने से जो रस मिलता है उसे गाढ़ा करने पर शहद के सामान सिरप प्राप्त होता है जिसमें कम मिठास होती है. वहीं यह मधुमक्खी से मिलने वाले शहद के मुकाबले इसमें कैलोरी कम होती है और पोषक तत्व अधिक आने वाले समय में ज्वार से उत्पादित होने वाले यह मीठा गुड शहद के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. ज्वार की वसुंधरा प्रजाति सबसे बेहतर साबित हुई है .वही इन प्रजातियों को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है. 

ज्वार के मीठे शहद में पाए जाते है ये तत्व

शहद की तरीके से ज्वार से बनने वाले  शहद में फ्रुक्टोज की मात्रा 45 से 48 फ़ीसदी है जबकि गुलकोज की मात्रा 39 से 42 फ़ीसदी तक है. वहीं इस का पीएच मान 4.3 है. वही इस में घुलनशील को सामग्री ब्रिक्स का मान 72 है. इसमें मधुमक्खी से मिलने वाले शहद मैं 310 कैलोरी प्रति 100 ग्राम है जबकि ज्वार से प्राप्त मीठे सिरप में 296 कैलोरी प्रति 100 ग्राम पाई जाती है. इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा  प्रोटीन और जल की मात्रा भी मौजूद होती है. प्रस्थान की वरिष्ठ शोधार्थी श्रुति शुक्ला ने बताया की ज्वार के 1 लीटर जूस से लगभग 100 ग्राम तक मीठे शहद की प्राप्ति होती है.

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शहद का तैयार हुआ विकल्प

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर नरेंद्र मोहन ने बताया कि चीनी में 100% सुक्रोज होता है जो मधुमेह का स्तर बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है. चीनी के प्रति 100 ग्राम में 385 किलो कैलोरी होती है लेकिन ज्वार से तैयार इस सिरप का सेवन करने से शरीर को कई फायदे भी मिलते हैं. इसके उपयोग से शरीर को कम कैलोरी के साथ-साथ कई औषधीय फायदे भी मिलते है.

 

 

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