असम के किसानों ने कमाल कर दिया है. अब यहां के किसानों द्वारा उपजाई गई सब्जी का स्वाद लंदन के अंग्रेज चखेंगे. क्योंकि असम से कई क्विंटल लबलैब बींस का निर्यात लंदन में किया गया है. खास बात यह है कि शिवसागर जिले के निताईपुखुरी स्थित दिहिंगपरिया एफपीसी के किसानों द्वारा उत्पादित लबलैब बींस का निर्यात लंदन में किया गया है. वहीं, इस खबर से किसानों के बीच खुशी की लहर है. किसानों का कहना है कि आने वाले दिनों में निर्यात की मात्रा और बढ़ाई जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1000 किलोग्राम यानी 10 क्विंटल लबलैब बींस लंदन में निर्यात किया गया है. यह एफपीसी द्वारा निर्यात की गई दूसरी खेप है. क्योंकि हाल ही में एफपीसी के किसानों द्वारा 500 किलोग्राम लबलैब बींस का निर्यात किया गया था. वहीं, इस फसल के लिए राज्य के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने बागवानी विभाग के अधिकारी, शिवसागर जिला कृषि विभाग के संबंधित अधिकारी, APART और बीन्स के उत्पादन में शामिल किसानों को बधाई और शुभकामनाएं दी है.
उन्होंने कहा है कि हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के मजबूत नेतृत्व में हम आने वाले दिनों में फसल निर्यात की इस प्रवृत्ति को और बढ़ाकर असम की कृषि अर्थव्यवस्था में एक नई क्रांति शुरू करने में सक्षम होंगे. वहीं, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में असम के कृषि उत्पादों की मांग हमारे किसानों की कड़ी मेहनत और हमारे कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
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बता दें कि पिछले महीने 17 दिसंबर को भी खबर सामने आई थी कि असम के शिवसागर जिले के 16 किसानों के एक समूह और तिनसुकिया जिले के कई किसानों ने यूनाइटेड किंडम में 500 किलोग्राम फ्लैट बीन्स और 5000 नींबू (काजी नेमू) का निर्यात किया है. खास बात यह है कि फ्लैट बींस और नींबू की खेप लंदन के न्यू स्पिटलफील्ड्स बाजार में भेजी गई, जो यूरोप में ताजा उपज का एक प्रमुख केंद्र है. यह बाजार अपने महंगे ग्राहकों के लिए जाना जाता है, जो बेहतरीन क्वालिटी के फल और सब्जियां खरीदते हैं.
बता दें कि असम के शिवसागर जिले में लबलैब बींस की अच्छी पैदावार होती है. लेकिन मार्केट नहीं होने की वजह से किसान सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए ही इसकी खेती करते हैं. लेकिन इस साल बंदरों से परेशान होकर किसानों ने अधिक रकवे में बींस की खेती की थी. किसानों का कहना है कि बंदर सरसों और पत्तेदार सब्जियों को अधिक बर्बाद करते हैं. ऐसे में ऊपरी असम के शिवसागर में किसानों ने लबलैब बींस की खेती पर फोकस कर दिया. किसानों के अनुसार, बंदर फ्लैट बींस की फसल को उतना अधिक नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इससे उत्पादन अच्छा हो जाता है.
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