किसानों को केमिकल खतरों से बचाएगा 'किसान कवच', इन खूबियों से लैस होगा बॉडीसूट 

किसानों को केमिकल खतरों से बचाएगा 'किसान कवच', इन खूबियों से लैस होगा बॉडीसूट 

देश में लगभग 65 फीसदी लोग सीधे कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों में लगे हुए हैं. भारत और विकासशील देशों के किसान खेतों में छिड़काव करते समय त्वचा और नाक के रास्ते जहरीले कीटनाशकों के संपर्क में आते हैं.

Advertisement
किसानों को केमिकल खतरों से बचाएगा 'किसान कवच', इन खूबियों से लैस होगा बॉडीसूट किसानों को केमिकल खतरों से बचाएगा 'किसान कवच'. (सांकेतिक तस्वीर)

फसलों में केमिकल युक्त कीटनाशक छिड़काव समेत कृषि गतिविधियों में दवाओं के इस्तेमाल से किसानों के स्वास्थ्य को होने वाले हानिकारक खतरों से बचाने के लिए 'किसान कवच' (Kisan Kavach) को लाया जा रहा है. यह स्वदेशी बॉडीसूट है जिसे पहनकर खेती कार्य किए जा सकेंगे और किसी भी तरह के स्वास्थ्य नुकसान से किसानों और ग्रामीणों को बचाया जा सकेगा. इस बॉडीसूट में ऐसे कपड़े और तकनीक का इस्तेमाल किया गया है कि यह कीटनाशक को शरीर में घुसने से पहले ही नष्ट कर देता है. इसे धोकर बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है. 

हर साल करीब 30 करोड़ किसान केमिकल युक्त कीटनाशकों और दवाओं के संपर्क में आकर त्वचा, सांस समेत अन्य तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. इन खतरों से किसानों को बचाने के लिए बेंगलुरू की कंपनी BRIC Instem ने सेपियो हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से कीटनाशक रोधी बॉडीसूट किसान कवच (Kisan Kavach) विकसित किया है. कंपनी की ओर से जारी मीडिया स्टेटमेंट में कहा गया है कि यह बॉडीसूट किसानों को कीटनाशकों से होने वाले स्वास्थ खतरों से बचाने में मदद करेगा. इसे केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 17 सितंबर को लॉन्च करेंगे. 

शरीर में घुसने से पहले ही कीटनाशक को नष्ट करता है सूट 

कंपनी की ओर से कहा गया है कि किसान कवच कीटनाशकों से होने वाले घातक खतरों से किसानों के स्वास्थ्य की रक्षा करने वाली अपनी श्रेणी की पहली तकनीक है. किसान कवच बॉडीसूट को कीटनाशक से होने वाले टॉक्सिक खतरे को रोकने के लिए एक कीटनाशक विरोधी सूट है. इस बॉडीसूट में ऐसे कपड़े और तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारकण कीटनाशक को शरीर में जाने से रोकता है और खतरनाक तत्वों को नष्ट कर देता है.  

कीटनाशकों-दवाओं से इन बीमारियों का शिकार बनते हैं किसान 

देश में बड़ी संख्या में लोग कृषि कार्य करते हैं. देश में लगभग 65 फीसदी लोग सीधे कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों में लगे हुए हैं. भारत और विकासशील देशों के किसान खेतों में छिड़काव करते समय त्वचा और नाक के रास्ते जहरीले कीटनाशकों के संपर्क में आते हैं. कीटनाशकों में न्यूरोटॉक्सिन होते हैं, जो ह्यूमन बॉडी को खतरनाक बीमारियों से ग्रसित कर देते हैं. इससे बुखार, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत, कंपकंपी, देखने में दिक्कत जैसे खतरे देखने को मिलते हैं. 

1 साल तक बॉडीसूट इस्तेमाल कर सकते हैं किसान 

वर्तमान में कीटनाशकों को शरीर में जाने से पहले रासायनिक रूप से निष्क्रिय करने के लिए कोई भी तकनीक मौजूद नहीं है. इस जरूरत को पूरा करने और किसानों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए किसान कवच को बाजार में लाया जा रहा है. किसान कवच बॉडीसूट को आसानी से धोया जा सकता है और दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है. इस बॉडीसूट का इस्तेमाल किसान कम से कम एक साल तक कर सकते हैं. 

ये भी पढ़ें - 

POST A COMMENT