जिरेनियम फार्मिंग से 4 महीने में कमाएं लाखों, ये रही खेती की पूरी तकनीक

जिरेनियम फार्मिंग से 4 महीने में कमाएं लाखों, ये रही खेती की पूरी तकनीक

जिरेनियम एक सुगंधित पौधा है. इस पौधे से निकाले गए तेल का उपयोग परफ्यूम, सौंदर्य प्रसाधन और एरोमाथेरेपी में किया जाता है. जिरेनियम की खेती शुरू करने के लिए लगभग एक एकड़ में 1,00,000 रुपये का खर्च आता है, जिसमें पौधों की खरीद, सिंचाई व्यवस्था और देखभाल शामिल हैं. एक सीजन में अगर आप 50-60 लीटर तेल तैयार करते हैं, तो आपको 4-5 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है, क्योंकि जिरेनियम तेल की कीमत 20,000 रुपये प्रति लीटर तक होती है.

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जिरेनियम फार्मिंग से 4 महीने में कमाएं लाखों, ये रही खेती की पूरी तकनीकजिरेनियम फूल की खेती (फोटो-freepik)

जिरेनियम एक सुगंधित पौधा है, जिससे वह तेल प्राप्त होता है जो विभिन्न उद्योगों में उपयोगी होता है. इसकी तेज़ खुशबू, खासकर गुलाब जैसी, इसे परफ्यूम और खुशबूदार साबुन बनाने वाली इंडस्ट्री में काफी  उपयोग होता  है. इसके तेल की भारी मांग और ऊंची कीमत के कारण, इसकी खेती करने वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. भारत में इसकी औसत कीमत 20 हजार रुपये प्रति लीटर तक है और देश में इसका उत्पादन सिर्फ 2 टन ही होता है जबकि 20 टन तेल आयात किया जाता है. ऐसे में अगर किसान जिरेनियम की खेती करें तो वह काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं. 

जिरेनियम कम पानी वाली, कम खर्चीली और ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती हो सकती है. अगर किसान सही तकनीक और खेती के तरीके अपनाएं, तो वे इस कृषि क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवनस्तर को बेहतर बना सकते हैं.

कब करें जिरेनियम की खेती?

सीमैप लखनऊ के अनुसार, दरअसल बरसात में जिरेनियम के जो पौधे बच जाते हैं, उनसे अक्टूबर महीने में नर्सरी तैयार की जाती है. फिर जब पौध तैयार हो जाते हैं, तो नवंबर से लेकर फरवरी तक के महीने में कभी भी रोपाई कर दी जाती है. अगर किसान एक एकड़ में जिरेनियम की खेती करना चाहता है तो इसके लिए उसे नर्सरी में 20-22 हजार पौधे तैयार करके लगाने होंगे. बस ध्यान ये रखें कि मदर प्लांट से निकाली गई कटिंग को 30 या 45 सेंटीमीटर की दूरी पर ही लगाएं.

कैसे करें जिरेनियम की खेती?

जिरेनियम की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए. खेत की दो-तीन जुताई करने के बाद रोटावेटर से मिट्टी को भुरभुरा बनाकर समतल कर लें. इसके बाद, खेत में पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था करें. पौधों को रोपने से पहले सुनिश्चित करें कि नर्सरी में 20 से 22 हजार पौधे तैयार हों. ये पौधे कटिंग के जरिए तैयार किए जाते हैं, जिन्हें 30 से 45 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपित किया जाता है. इसके बाद,पौधों की सही देखभाल करनी होती है.

जिरेनियम के लिए खाद और सिंचाई

जिरेनियम के अच्छे विकास के लिए प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल गोबर खाद डालें. इसके अलावा नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की उचित मात्रा में उपयोग करें. खासतौर पर नाइट्रोजन को 15 से 20 दिनों के अंतराल पर देना चाहिए. सिंचाई का ध्यान रखते हुए, जिरेनियम की फसल कम पानी वाली होती है, इसलिए अत्यधिक सिंचाई से बचें. इसके पौधों में जड़ गलन रोग होने का खतरा बढ़ सकता है.

कब करें पत्तियों की कटाई

जब जिरेनियम के पौधों की पत्तियां परिपक्व हो जाएं, तब उनकी कटाई करनी चाहिए. आमतौर पर 3-4 महीने बाद पत्तियां परिपक्व होती हैं. इस समय पत्तियों की कटाई करते समय यह सुनिश्चित करें कि पत्तियां पीली या अत्यधिक रस वाली न हों.

जिरेनियम खेती का गणित

जिरेनियम की खेती पर लगभग एक लाख रुपये का खर्च आता है, जिसमें ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, पौधों की लागत, खाद और श्रम का खर्च शामिल होता है. इसके अलावा, किसानों को खेत की तैयारी और अन्य लागतें भी जोड़नी पड़ती हैं. लेकिन इस खेती से प्राप्त आय लगभग 4 लाख रुपये तक हो सकती है, जिससे किसान प्रति एकड़ से 3 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं.

जिरेनियम तेल की बाजार में कीमत

भारत में जिरेनियम के तेल की कीमत 20 हजार रुपये प्रति लीटर तक होती है. इस तेल की ऊंची कीमत और विदेशी मांग को देखते हुए, जिरेनियम की खेती किसानों के लिए एक आकर्षक और लाभकारी विकल्प साबित हो सकती है. जिरेनियम की खेती शुरू करने में लगभग 1,00,000 रुपये का खर्च आता है, जो पौधे खरीदने, सिंचाई और देखभाल पर होता है. 

इसके बाद, जब तेल निकालने और बेचने का काम शुरू किया जाता है, तो मार्केट में इसकी कीमत 20,000 रुपये प्रति लीटर तक होती है. आप एक सीजन में 50-60 लीटर तेल भी तैयार करते हैं, तो आप लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.

 

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