बिहार के स्थानीय मक्का किसानों को अपनी उपज बेचने में और आसानी होने वाली है. दरअसल, फिश फीडिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी ऑरो सुंदरम इंटरनेशनल राज्य के फोर्ब्सगंज में मक्का प्रॉसेसिंग प्लांट खोलने जा रहा है. ऐसे में स्थानीय किसानों की उपज कंपनी खरीद लेगी. कंपनी ने कहा है कि प्लांट बनाने के लिए 250 करोड़ रुपये निवेश कर रही है. इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 का आयोजन 19-20 दिसंबर को पटना में हुआ. यहां पर विभिन्न क्षेत्रों की कई दिग्गज कंपनियों ने राज्य में निवेश को लेकर अपनी रणनीति का खुलासा किया. इसी क्रम में मछली पालकों को फ्लोटिंग फिश फीड की सप्लाई करने वाली कंपनी ऑरो सुंदरम इंटरनेशनल बिहार में स्टार्च मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पर 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
ऑरो सुंदरम इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड निदेशक अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार के अररिया जिले में स्टार्च मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कंपनी के पास पहले से ही अररिया जिले के फोर्ब्सगंज में मक्का प्रॉसेसिंग प्लांट है.हमने इस प्लांट को स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो पिछले साल से चालू है. उन्होंने कहा कि अब हम लगभग 250 करोड़ रुपये के निवेश के साथ उसी स्थान पर स्टार्च मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में लगभग 125 करोड़ रुपये का सालाना रेवेन्यू हासिल करने का टारगेट है.
प्लांट मैनेजर राजेश चौरसिया ने बताया कि प्लांट से कंपनी एफएमसीजी कंपनियों को मक्का ग्रिट्स और मछली पालकों को फ्लोटिंग फिश फीड की सप्लाई करती है. इसके लिए लोकल किसानों से मक्का की सीधी खरीद की जाती है और किसानों को बाजार भाव दिया जाता है. उन्होंने बताया कि किसानों की उपज खरीद के लिए किसी भी तरह से बिचौलियों को शामिल नहीं किया जाता है, जिससे किसानों को सही दाम मिल जाता है और हमें अच्छी मक्का मिल जाती है.
राजेश चौरसिया ने बताया कि प्लांट कैपेसिटी के लिए मक्का खरीद 50 हजार टन के करीब है. उन्होंने कहा कि मेज ग्रिट्स प्लांट में मक्का के जरिए हम कुरकुरे बनाने के लिए रॉ मटेरियल बनाते हैं. मौजूदा प्लांट की 500 टन डेली स्टार्च बनाने की कैपेसिटी है. उन्होंने कहा कि फ्लोटिंग फिश यूनिट के जरिए फिश फीडिंग मटेरियल बनाया जाता है. इसके लिए चावल ब्रैन का इस्तेमाल किया जाता है.
कंपनी की ओर से कहा गया है कि फार्मा कंपनियों सहित विभिन्न सेक्टर की कंपनियों को स्टार्च की सप्लाई की जाएगी. मक्का उत्तर बिहार की प्रमुख फसलों में से एक है जिसका उत्पादन प्रति वर्ष लगभग 50 लाख टन है. उत्तर बिहार में फूड प्रॉसेसिंग सेक्टर में बहुत सारे व्यावसायिक अवसर हैं. नए प्लांट के जरिए स्थानीय किसानों की उपज तो खरीदी ही जाएगी, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे.
बिहार बिजनेस कनेक्ट शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण में बिहार सरकार ने लगभग 1.81 लाख करोड़ रुपये का निवेश कंपनियों की ओर से किए जाने की बात कही है. जो पिछले साल के संस्करण में 50,300 करोड़ रुपये से तीन गुना अधिक है. बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में 423 कंपनियों ने 1,80,899 करोड़ रुपये का निवेश करने की बात कही है. सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव रिन्यूबल एनर्जी सेक्टर में 17 इकाइयों में 90,734 करोड़ रुपये के आए हैं.
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