
राज्य सरकार कृषि कार्यों में इस्तेमाल किए जाने वाले हैरो-कल्टीवेटर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, पावर टीलर और रोटावेटर समेत कई तरह के कृषि यंत्रों को सस्ती कीमत पर किसानों को दे रही है. बिहार सरकार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत लाभार्थियों को अनुदान के साथ यंत्र उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. राज्य और केंद्र सरकार की ओर से किसानों को कृषि यंत्रों पर 40 से 80 फीसदी तक की छूट दी जा रही है. इसके अलावा किसानों की खेती में मदद करने के लिए 26 जून से 05 जुलाई 2024 तक सभी जिला मुख्यालयों में कृषि यांत्रिकरण मेला लगाया जायेगा.
कृषि मंत्री ने मंगल पांडेय ने कहा कि चौथे कृषि रोड मैप तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना के जरिए कुल 82.25 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन (SMAM) के तहत कुल 104.16 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है. उन्होंने कहा कि कृषि यांत्रिकीकरण योजना के जरिए कुल 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक का अनुदान देने का प्रावधान है. कृषि मंत्री ने किसानों को मिलेट्स के बीज, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पौधा संरक्षण हेतु एग्री क्लिनिक और मधुमक्खीपालन प्रमाणपत्र वितरित किए.
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों जैसे स्ट्रॉ रीपर, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रीपर कम बाइंडर, स्ट्रा बेलर, ब्रस कटर आदि को किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे फसल बुवाई से लेकर कटाई तक के कार्यों में आसानी होगी और तेजी आएगी. वहीं, लघु/सीमांत किसानों के लिए छोटे यंत्र जैसे हंसिया, कुदाल, खुरपी, मेज सेलर एवं वीडर का किट बनाकर छूट के साथ दी जा रही है.
कृषि यांत्रिकरण योजना के जरिए फसल बुआई से पहले और कटाई के बाद तक इस्तेमाल होने वाले 75 तरह के कृषि यंत्रों को किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इन यंत्रों में कल्टीवेटर, डिस्क हैरो, पोटैटो प्लांटर, पैडी ट्रांसप्लांटर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, टी प्लकर, पोटैटो डीगर, मखाना पॉपिंग मशीन, राईस मिल, फ्लोर मिल, चौफ कटर, पावर टीलर एवं रोटावेटर शामिल हैं और इन पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है.
बिहार कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कृषि यांत्रिकरण योजना का मुख्य उद्देश्य अनुदानित दर पर उन्नत कृषि यंत्र किसानों को उपलब्ध कराना है. ताकि किसान उचित समय पर कृषि कार्यों को पूरा कर सकें और ज्यादा उत्पादन हासिल कर सकें. उन्होंने बताया कि पहली बार यांत्रिकरण योजना के लिए किसानों को अनुदानित दर पर कृषि यंत्र क्रय करने हेतु आवेदन की सुविधा अप्रैल माह से ही शुरू की गई. उन्होंने कहा कि 31 मई 2024 तक प्राप्त कुल 77867 आवेदनों में से लॉटरी के माध्यम से विभिन्न यंत्रों के जिलावार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य के अधीन परमिट दिए जा रहे हैं.
कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि 26 जून से 05 जुलाई 2024 तक सभी जिला मुख्यालयों में प्रथम जिलास्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन किया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना भी की जा रही है. किसानों को उन्नत तरीके से खेती करने में मदद करने के लिए सरकार तेजी से प्रयास कर रही है.
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