देशभर में 750 से ज्यादा जिले हैं और 6 लाख से ज्यादा गांव हैं. इनमें से 738 जिलों में 5G इंटरनेट सुविधा पहुंच चुकी है. सरकार का फोकस ग्रामीण इलाकों तक तेज इंटरनेट सेवाएं देने पर है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2022-23 में पहली बार टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स का ग्रॉस रेवेन्यू 3 लाख करोड़ पहुंच गया है.
सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि भारत ने अब तक 738 जिलों और लगभग 100 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक नवीनतम दूरसंचार तकनीक के साथ दुनिया में सबसे तेज 5जी रोलआउट देखा है. संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने बताया कि 24 नवंबर 2023 तक देशभर के 738 जिलों में 5G नेटवर्क शुरू कर दिया गया है और 5G सेवाओं का उपयोग करने वाले लगभग 100 मिलियन ग्राहकों के साथ कुल 3,94,298 बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं.
संचार राज्य मंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया में सबसे तेज 5G रोलआउट में से एक देखा है. दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने जुलाई-अगस्त 2022 में नीलामी के जरिए हासिल स्पेक्ट्रम के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के कमिटमेंट सहित कुल 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. सरकार तेजी से ग्रामीण इलाकों में 5G इंटरनेट सेवाएं पहुंचाने पर फोकस किए है.
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टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स का वित्त वर्ष 2022-23 में पहली बार ग्रॉस रेवेन्यू 3 लाख करोड़ पहुंच गया है. संचार राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने एजीआर की परिभाषा को तर्कसंगत बनाया है और स्पेक्ट्रम बिजनेस की अनुमति दी है. इसके अलावा 100% डायरेक्ट फॉरेन इनवेस्टमेंट अनुमति दी है और खुली और ट्रांसपैरेंट टेंडर के जरिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम सुनिश्चित किया है.
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सरकार ने टेलीकॉम के बुनियादी ढांचे की तेज और आसान तैनाती के लिए सरकार ने भारतीय टेलीग्राफ राइट ऑफ वे नियम (ROW) में संशोधन किया है. इससे मौजूदा सड़क बुनियादी ढांचे पर 5G ऑप्टिकल फाइबर केबल की तैनाती का रास्ता साफ हुआ है. जबकि, चार्जेस को भी तर्कसंगत बनाया गया है.
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