आंवला के पौधे जुलाई से सितंबर के महीने में लगाई जाती है. इसका एक पेड़ ढाई क्विंटल से अधिक फल दे सकता है. इसका पेड़ लगाने के लिए जलभराव वाली मिट्टी नहीं होनी चाहिए. आंवला की खेती करने वाले किसान ने बताया कि अगर खेत में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है तो इसकी बागवनी नहीं करें. क्योंकि जल की अधिकता से इसके पौधे नष्ट हो जाते हैं. आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में भी आंवले का इस्तेमाल काफी किया जाता है.
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