Parali Burning: यूपी में पराली की मॉनीटरिंग करेंगे नोडल अधिकारी, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश, पढ़ें डिटेल

Parali Burning: यूपी में पराली की मॉनीटरिंग करेंगे नोडल अधिकारी, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश, पढ़ें डिटेल

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो चुका है. पराली जलाने के खिलाफ कई तरह के नियम बनाए गए हैं, लेकन किसान इसका पालन ठीक से नहीं करते. इसे देखते हुए सरकारें सख्ती अपना रही हैं.

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Parali Burning: यूपी में पराली की मॉनीटरिंग करेंगे नोडल अधिकारी, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश, पढ़ें डिटेलUP: प्रदूषण रोकने के लिए यूपी सरकार ने यह कदम उठाया है.

Stubble Management: पराली जलाने को लेकर यूपी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. इसी क्रम में यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि प्रदेश के हर जिलों में नोडल अधिकारी की तैनाती किया जाए. मुख्य सचिव के निर्देश के बाद पूरे प्रदेश में नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाएगी. वहीं कृषि विभाग को निर्देश दिया है कि आईईसी कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचार प्रसार एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं.  ग्राम, न्याय पंचायत, विकास खण्ड, तहसील, जनपद स्तरीय टीम का गठन किया जाए. ग्राम पंचायत जागरूकता बैठक आयोजित हो. ग्राम पंचायतोें में प्रभात फेरी, ग्राम प्रधान सम्मेलन हों. विकासखंड स्तर पर प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूल, इंटर एवं डिग्री कॉलेज में छात्र सभाएं आयोजित की जाएं.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने में कामयाब रही है. योगी सरकार की मॉनीटरिंग और अनुशासन के चलते 2017 की तुलना में 2022 में इसमें 65.65 प्रतिशत तक की कमी आई है. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष हुए प्रस्तुतिकरण में इसकी जानकारी दी गई है. इसमें प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेड्यूज (CRM) योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022 में फसल अवशेष जलाए जाने की घटनाओं का विवरण प्रस्तुत किया गया. इसके अनुसार गत वर्ष (2022) में फसल अवशेष जलने की कुल 3017 घटनाएं हुईं, जो 2017 के 8784 की तुलना में 65 प्रतिशत रही. 

यूपी सरकार उठा रही सख्त कदम

प्रदूषण रोकने के लिए यूपी सरकार ने यह कदम उठाया है. हाल के दिनों में प्रदूषण की गंभीर होती समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है. पराली के धुएं से पर्यावरण को भारी नुकसान होता है. सांस लेने की समस्या के साथ ही और भी कई सेहत की परेशानी सामने आती है. इससे आग लगने का भी खतरा होता है. इन सभी बातों पर ध्यान देते हुए सरकार ने पराली जलाने को अपराध की श्रेणी में रखा है.

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बता दें कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो चुका है. पराली जलाने के खिलाफ कई तरह के नियम बनाए गए हैं, लेकन किसान इसका पालन ठीक से नहीं करते. इसे देखते हुए सरकारें सख्ती अपना रही हैं. इसी में यूपी सरकार ने पराली जलाने और पकड़े जाने पर आर्थिक जुर्माने का ऐलान किया है.

पराली जलाने पर भरना पड़ेगा जुर्माना पड़ेगा 

यूपी में खेतों में पराली जलाना अपराध की श्रेणी में आएगा, जिसके लिए किसानों को भारी जुर्माना देना होगा. फसल अवशेष या पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की वसूली किसानों से ही की जाएगी और इसके लिए किसानों से 2500 से लेकर 15 हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जा सकता है.

पराली से भूसा बनाएं, होगी इनकम

अगर आपके खेत में धान कटाई के बाद पराली बची हुई है तो इसका सबसे बेहतर और आसान उपाय है कि आप पराली का भूसा बना लें. इसके लिए आप थ्रेसिंग मशीन की मदद लेकर भूसा तैयार कर सकते हैं. इसे आप जानवरों को खिलाने के लिए चारे के साथ यूज़ कर सकते हैं. वहीं इसे आप 600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेच भी सकते हैं. इससे आपको पराली जलानी नहीं पड़ेगी और भूसा बेचने से आपकी अच्छी खासी इनकम भी हो जाएगी.

 

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