खरीफ सीजन में फसल बुवाई के लिए किसानों की कृषि समस्याओं को दूर करने के लिए चेन्नई स्थित ट्रॉपिकल एग्रोसिस्टम (इंडिया) 16 नए एग्री सॉल्यूशन लेकर आई है. यह सॉल्यूशन किसानों को बीज सुधार से लेकर फसल कटाई के बाद तक की दिक्कतों को दूर करने में मददगार साबित होंगे. इनमें पौधों-फलों में फंगल इंफेक्शन, कीटनाशक-उर्वरक समेत कई अन्य समाधान शामिल होंगे, जो फसल की पैदावार से लेकर स्टोरेज तक की समस्या को हल करने में मदद करेंगे.
एग्री सेक्टर में फसल सुरक्षा पर काम करने वाली चेन्नई स्थित कंपनी ट्रॉपिकल एग्रोसिस्टम जून से शुरू होने वाले खरीफ फसल सीजन के दौरान बीज उपचार से लेकर फसल के बाद की देखभाल तक 16 नए कृषि समाधान पेश करेगी. कंपनी ने कहा कि कृषि समाधानों में चार फंगल रोधी, चार हर्बीसाइड, सात कीटनाशक और एक उर्वरक मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड और जिंक फॉस्फेट शामिल हैं. इनका इस्तेमाल सभी फसलों पर फूल और फल की क्वालिटी और उपज में सुधार के लिए किया जा सकता है.
ट्रॉपिकल एग्रोसिस्टम (इंडिया) के संस्थापक वीके झावेर ने कहा कि उनकी कंपनी कीट, बीमारियों और मिट्टी की कमियों जैसे फसल संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किसानों को हाईटेक फॉर्मूलेशन उपलब्ध कराती है. कंपनी के प्रोडक्ट को उड़द, मिर्च, जीरा, आलू, धान, टमाटर, गेहूं, मक्का, कपास, चना, मूंगफली, अरहर, सोयाबीन, गन्ना से लेकर चाय और पत्तागोभी जैसी फसलों की समस्याओं को दूर करने के लिए 16 नए एग्री सॉल्यूशन को तैयार किया गया है.
कंपनी ने कहा कि नए एग्री सॉल्यूशन में किसानों की जरूरतों को पूरा करने वाले कीटनाशक, कवकनाशी और जैविक प्रोडक्ट हैं. कंपनी के अनुसार पाउडरयुक्त फफूंदी, फलों की सड़न, अल्टरनेरिया ब्लाइट, तने की सड़न, पत्तियों और फलों पर धब्बा, चने पर काला धब्बा रोकने के लिए साल्यूशन पेश किया जा रहा है. इसके अलावा अगेती और देर से होने वाला ब्लाइट रोग, सेठ ब्लाइट, मिर्च, जीरा, धान, टमाटर, गेहूं और आलू जैसी फसलों में पीला रतुआ रोग से निपटने के लिए भी समाधान पेश किए जा रहे हैं.
सफेद मक्खी, ब्राउन प्लांट हॉपर, थ्रिप्स, लीफ हॉपर, एफिड्स, पॉड बोरर, स्पोडोप्टेरा लिटुरा, डायमंडबैक मोथ, फ्रूट बोरर, अमेरिकन बॉलवर्म, स्टेम बोरर, लीफ फोल्डर, सेमी लूपर, हेलिकोवर्पा आर्मिगेरा के प्रभाव को रोकने में मदद मिलेगी. इसके अलावा अर्ली शूट बोरर, माइट्स, क्लोरिस बारबटा, पार्थेनियम और खरपतवार की रोकथाम भी होगी. जबकि, किसानों को कपास, धान, मिर्च, पत्तागोभी, गन्ना, बंगाल चना, काला मटपे, मूंगफली, अरहर, सोयाबीन, चाय और टमाटर सहित अन्य फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव से भी राहत मिलेगी.
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