महाराष्ट्र संतरे के प्रमुख उत्पादकों में शामिल है. यहां के किसान इसकी खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. इस तरह की जलवायु वाले दूसरे राज्यों के किसान भी इसकी खेती से मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें अच्छी किस्मों का चयन करना होगा. नींबू वर्गीय फलों में संतरे का भी अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसमें विटामिन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. इसमें सबसे ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है. इसके अलावा इसमें विटामिन ए और बी भी पर्याप्त मात्रा में होता है. इसके चलते बाज़ार में इसकी अच्छी डिमांड बनी रहती है और किसानों को अच्छा दाम भी मिलता हैं, ऐसे में किसानों के लिए संतरे की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है. संतरे की अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को उसको सही समय पर खेती और अच्छी किस्मों का चयन करना बेहद जरूरी है, इसकी कुछ ऐसी किस्में हैं, जिसमें न कीट लगते हैं और न ही रोग होता है. इन किस्मों की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
देश में इसकी मुख्य रूप से महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में की जाती है. यदि सही तरीके से इसकी खेती की जाए तो इससे किसान काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं. इसके लिए किसानों को इसकी उन्नत और बेहतर किस्मों का चुनाव करना चाहिए ताकि इससे अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सके. जानिए संतरे की उन्नत किस्मों के बारे में.
भारत में नागपुरी संतरा काफी प्रसिद्ध है. इस किस्म के संतरे की सुगंध, स्वाद में स्वादिष्ट होता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसका सेवन अच्छा माना गया है. संतरे की खेती का सबसे अधिक उत्पादन महाराष्ट्र के विदर्भ, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाडा में किया जाता है. यहां के किसान इसकी खेती प्रमुखता से करते हैं. देश के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत संतरा सिर्फ महाराष्ट्र में होता है. इसके अलावा इसकी खेती अन्य दूसरे राज्यों में भी होने लगी है.
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इस किस्म वृक्ष काफी अधिक घना होता है. इसके फल चमकीले संतरी रंग, माध्यम से बड़े आकार के होते हैं. इन्हें आसानी से छिल जा सकता हैं. इसे छिलने पर 9-11 फाड़ियां होती है. इसमें 15-25 बीज होते है.यह काफी रसदार भी होते हैं.
नेवल संतरों को मुख्य रूप से ताज़े फल के रूप में ग्रहण किया जाता है. इसके अलावा, नेवल संतरों को जूस में संयोजक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. आमतौर पर, ये किस्म जूस निकालने के लिए उपयुक्त नहीं होती क्योंकि संरक्षण के दौरान उनका जूस कड़वा हो जाता है. यह फल आमतौर पर बीजरहित होता है और वालेंसिया किस्म के संतरे के फल की तुलना में आकार में बड़ा होता है. नेवल संतरे की सबसे महत्वपूर्ण किस्में हैं: वाशिंगटन नेवल या नेवल वाशिंगटन या बाहिया या मर्लिन. अमेरिका में, वॉशिंगटन नेवल संतरे पतझड़ से लेकर सर्दियों तक पकते हैं, और फल आमतौर पर 3 से 4 महीने तक पेड़ पर रहते हैं.
सेविला संतरे को खट्टे संतरे भी कहा जाता है.अत्यधिक अम्लीयता के कारण इन्हें आमतौर पर नाश्ते के रूप में छीलकर नहीं खाया जाता है, लेकिन इनका उपयोग खाना पकाने में किया जाता है. बहुत से लोग खट्टे संतरे का उपयोग मुरब्बा, सलाद ड्रेसिंग और सॉस बनाने के लिए करते हैं. सेविले संतरे की खेती अभी भी मुख्य रूप से स्पेन में की जाती है.
जैसा कि नाम से पता चलता है, एसिड मुक्त संतरे में एसिड की मात्रा कम होती है. इन्हें मीठे संतरे भी कहा जाता है, लेकिन इनमें ज़्यादा स्वाद नहीं होता. इन्हें बड़ी मात्रा में नहीं उगाया जाता है और आम तौर पर जूस के बजाय खाया जाता है क्योंकि इनमें बहुत कम एसिड होता है, जो सामान्य संतरे को खराब होने से बचाता है.ये संतरे दक्षिण पूर्व एशिया के मूल निवासी हैं, जबकि ब्राज़ील इस प्रकार का शीर्ष उत्पादक है.
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