गन्ना पेराई सत्र शुरू होने वाला है. मतलब गन्ने की पेराई का काम चालू होने वाला है. अलग-अलग राज्यों में इसकी तैयारी हो रही है. हरियाणा सरकार ने कहा है कि अब ऐसी व्यवस्था होगी कि किसानों को गन्ने से भरी गाड़ियों को लेकर लंबी लाइनों में नहीं लगना होगा. किसानों के मोबाइल पर मैसेज जाएगा कि किसे कब गन्ना लेकर मिल पर आना है. इस बीच यह जानने की जरूरत है कि क्या पेराई सत्र शुरू होने से पहले राज्यों में गन्ने का दाम बढेगा? क्योंकि चीनी सीजन 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) केंद्र सरकार बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर चुकी है. ऐसे में अब उन राज्यों पर भी दाम बढ़ने का दबाव है जहां पर स्टेट एडवायजरी प्राइस (एसएपी) लागू है.
फिलहाल, देश में गन्ने का सबसे ज्यादा भाव पंजाब में है. दूसरे नम्बर पर हरियाणा है. लेकिन, इन दोनों राज्यों में बहुत कम गन्ना पैदा होता है. हालांकि, इन दोनों राज्यों में जब दाम बढ़ता है तब ज्यादा उत्पादन करने वाले राज्यों की सरकारों पर भी दबाव पड़ता है. जिन राज्यों में एसएपी है वहां पर एफआरपी के मुकाबले किसानों को ज्यादा दाम मिल रहा है. हालांकि महाराष्ट्र में एसएपी नहीं लेकिन, यहां गन्ने की कटाई और ढुलाई का खर्च सरकार देती है.
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जिन राज्यों के गन्ने के भाव का हमने जिक्र किया है उनमें स्टेट एडवायजरी प्राइस यानी एसएपी लागू होता है. जो केंद्र सरकार द्वारा घोषित एफआरपी यानी उचित और लाभकारी मूल्य से ज्यादा होता है. यूपी, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा एसएपी के तौर पर अपने यहां खुद कीमतें तय करते हैं. बाकी में एफआरपी लागू होती है, जो एक ही है.
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