उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का बकाया रकम तेजी से भुगतान की गई है. किसानों का करीब 90 फीसदी गन्ना का बकाया चुका दिया गया है. हालांकि, अभी भी गन्ना किसानों का 3 हजार करोड़ से अधिक रकम बकाया है. इस पैसे का भुगतान अगला पेराई सीजन शुरू होने पर किसानों को किया जाएगा. प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि पिछले सत्र में 82 चीनी मिलों ने 100 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया.
उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों का करीब 90 फीसदी गन्ना बकाया चुका दिया गया है. उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य भुगतान की वर्तमान स्थिति के अनुसार सरकार ने 35,909 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है, जिसमें से 32,357 करोड़ रुपये यानी 90.11 फीसदी बकाया चुकाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि पेराई सत्र 2022-23 के दौरान शामली मिल पर बकाया 213 करोड़ रुपये को छोड़कर बाकी 99.99 फीसदी गन्ना बकाया किसानों को चुका दिया गया है.
मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि अगला गन्ना पेराई सत्र शुरू होते ही बाकी बकाया 3,552 करोड़ रुपये चुका दिया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश देश में गन्ना उत्पादन में पहले स्थान पर है. उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य भुगतान में भी उत्तर प्रदेश अग्रणी है. सरकार ने 21 मिलों से किसानों को साप्ताहिक भुगतान करवाया है. प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि पिछले सत्र में 82 चीनी मिलों ने 100 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया.
मंत्री ने कहा कि 2007 से 2017 तक तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों ने गन्ना किसानों को 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि पिछले सात वर्षों में मौजूदा सरकार ने 2.53 लाख करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया है. भाजपा सरकार ने पिछली सपा सरकार के दौरान बकाया 11,000 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भी भुगतान किया है.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना उत्पादन होता था, जो अब 29 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हो रहा है. बता दें कि यूपी में लगभग 50 लाख परिवार गन्ने की खेती में लगे हुए हैं, जिससे अनुमानित रूप से 50,000 करोड़ रुपये की वार्षिक अर्थव्यवस्था उत्पन्न होती है.
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