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चीनी की महंगी कीमतों का नहीं करना होगा सामना? घरेलू स्टॉक और विदेशी उत्पादन अधिक रहने की संभावना

चीनी की महंगी कीमतों का नहीं करना होगा सामना? घरेलू स्टॉक और विदेशी उत्पादन अधिक रहने की संभावना

इस साल चीनी की कीमतों में उछाल नहीं होने की उम्मीद की जा रही है. दरअसल, विदेशी आपूर्तिकर्ता ब्राजील में अधिक उत्पादन की संभावनाओं और भारत में जरूरी खपत के मुकाबले उपलब्धता अधिक बने रहने की उम्मीदों के चलते ऐसे पूर्वानुमान लगाए गए हैं.

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चीनी की घरेलू उपलब्धता और विदेशी उत्पादन अधिक रहने का अनुमान. चीनी की घरेलू उपलब्धता और विदेशी उत्पादन अधिक रहने का अनुमान.

इस साल चीनी की कीमतों में उछाल नहीं होने की उम्मीद की जा रही है. दरअसल, विदेशी आपूर्तिकर्ता ब्राजील में अधिक उत्पादन की संभावनाओं और भारत में जरूरी खपत के मुकाबले उपलब्धता अधिक बने रहने की उम्मीदों के चलते ऐसे पूर्वानुमान लगाए गए हैं. फिलहाल चीनी की कीमतें 3 सप्ताह के निचले स्तर पर हैं. भारत में 2023-24 के अक्टूबर-सितंबर में 31.6 मिलियन टन चीनी उत्पादन का अनुमान जताया गया, जबकि करीब 5 मिलियन टन स्टॉक मौजूद है. वहीं, घरेलू खपत 29 मिलियन टन ही है. इस हिसाब से कुल चीनी का स्टॉक अधिक बने रहने की उम्मीद जताई गई है, जो घरेलू कीमतों को नीचे बनाए रखने में मददगार होगी. 

ब्राजील में बंपर उत्पादन की संभावना ने चिंता दूर की 

चीनी के अधिक उत्पादन संभावनाओं के कारण चीनी की कीमतें 2024 में 2023 की तुलना में कम रहने की संभावना जताई जा रही है. ट्रेडिंग इकनॉमिक्स वेबसाइट ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता ब्राजील से बंपर आपूर्ति की संभावनाओं को देखते हुए इस साल चीनी की कीमतें नीचे रहने का अनुमान जताया गया है. ऐसे में एशियाई देशों भारत और थाइलैंड में चीनी की खपत में दिक्कत नहीं होने की बात कही गई है. वर्तमान में चीनी का दाम तीन सप्ताह के निचले स्तर पर है. हालांकि, दाम सामान्य से ऊंचे रहे हैं और मासिक आधार पर कीमतों में 2 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है. इसके बावजूद चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावनाओं के कारण कमोडिटी दबाव में आ गई है. 

कच्ची चीनी की वायदा कीमत में गिरावट का अनुमान 

न्यूयॉर्क इंटरकॉन्टीनेंटल एक्सचेंज के अनुसार कच्ची चीनी की मार्च वायदा कीमत 42,175 रुपये प्रति टन रहने का अनुमान जताया है, जो बीते साल 2023 की तुलना में काफी कम है. वहीं, ब्राजील की एजेंसी COAB का अनुमान है कि लैटिन अमेरिका में शुगर प्रोडक्शन 678 मिलियन टन रहने वाला है, जो बीते साल की तुलना में 11 फीसदी अधिक है. रिसर्च एजेंसी बीएमआई का कहना है कि बाजार पूरी तरह से संतुलित है और 2024 में कीमत कम रहने का पूर्वानुमान जताया है. 

घरेलू खपत से अधिक चीनी उपलब्धता रहेगी 

अल नीनो की वजह से दक्षिण-पूर्व एशिया में सूखे की स्थिति ने प्रमुख बाजारों में चीनी उत्पादन को प्रभावित किया है, विशेष रूप से भारत में जहां चीनी मिल उत्पादन में गिरावट देखी गई. इसके चलते सरकार ने चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. हालांकि, ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन (AISTA) ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में जारी अनुमान में बताया कि 2023-24 सीजन अक्टूबर-सितंबर के लिए देश का चीनी उत्पादन लगभग 31.6 मिलियन टन होगा, जो पिछले सीजन की तुलना में लगभग 4 प्रतिशत कम जरूर है. लेकिन, मौजूदा स्टॉक 5 मिलियन से अधिक होने के साथ देश की कुल चीनी उपलब्धता 37.5 मिलियन टन रहने वाला है. जबकि, अनुमानित घरेलू खपत 29 मिलियन टन के आसपास है. 

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