भारतीय केसर की कीमत 27 फीसदी उछली, 3.6 लाख रुपये किलो बेचकर तगड़ा मुनाफा बना रहे उत्पादक-ट्रेडर्स   

भारतीय केसर की कीमत 27 फीसदी उछली, 3.6 लाख रुपये किलो बेचकर तगड़ा मुनाफा बना रहे उत्पादक-ट्रेडर्स   

पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच ईरान से केसर की आपूर्ति में भारी गिरावट से भारतीय उत्पादकों और ट्रेडर्स को फायदा हो रहा है. भारतीय केसर अब थोक बाजार में 3.5 लाख से 3.6 लाख रुपये प्रति किलोग्राम कीमत पर बिक रहा है.

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भारतीय केसर की कीमत 27 फीसदी उछली, 3.6 लाख रुपये किलो बेचकर तगड़ा मुनाफा बना रहे उत्पादक-ट्रेडर्स   केसर दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है और इसे कई प्रोडक्ट में इस्तेमाल किया जाता है.

भारतीय केसर उत्पादकों और ट्रेडर्स के चेहरे खिल गए हैं, क्योंकि भू-राजनीतिक उथल-पुथल के चलते वैश्विक कीमतों में 20 फीसदी का उछाल आ गया है. इससे केसर की कीमत 3.6 लाख रुपये किलो पहुंच गई है. दरअसल, मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते ईरान से केसर की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं होने से वैश्विक स्तर पर केसर की कीमत में तेज उछाल दर्ज किया गया है. ऐसी स्थिति में भारतीय केसर की मांग बढ़ी है और उत्पादकों और कारोबारियों को बढ़ी हुई कीमत मिल रही है. बता दें कि केसर दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है और इसका इस्तेमाल सुगंध, ब्यूटी प्रोडक्ट, दवा समेत कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. 

पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच ईरान से केसर की आपूर्ति में भारी गिरावट से भारतीय उत्पादकों और ट्रेडर्स को फायदा हो रहा है. उत्पादकों और व्यापारियों ने कहा कि भारतीय केसर की कीमतें थोक स्तर पर 20 फीसदी से अधिक और खुदरा दुकानों में लगभग 27 फीसदी से अधिक बढ़ गई हैं. भारत में केसर की खेती जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में की जाती है.  

3.6 लाख रुपये किलो बिक रहा केसर 

ट्रेडर्स के अनुसार सबसे अच्छी क्वालिटी वाला भारतीय केसर अब थोक बाजार में 3.5 लाख से 3.6 लाख रुपये प्रति किलोग्राम कीमत पर बिक रहा है. जबकि पश्चिम एशिया में तनाव शुरू होने से पहले यह 2.8 लाख से 3 लाख रुपये प्रति किलोग्राम था. इस हिसाब से करीब 1 लाख रुपये प्रति किलो कीमत में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. वहीं, केसर की खुदरा कीमत 4.95 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक हो सकती है. 

ईरान केसर का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक 

ईरान सालाना लगभग 430 टन का केसर उत्पादन करता है, जो केसर के वैश्विक उत्पादन का 90 फीसदी है. ईरान केसर का सबसे बड़ा निर्यातक भी है. इजरायल-गाजा संघर्ष के चलते ईरान तनाव समेत उस क्षेत्र में तनाव है और वैश्विक बाजारों में ईरान के केसर की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. इससे भारतीय केसर की मांग के साथ ही कीमत भी बढ़ गई है. इस कारोबार से जुड़े श्रीनगर के ट्रेडर ने बताया कि कीमतें लगभग हर दिन बढ़ रही हैं. ट्रेडर्स ने कहा कि केसर की कीमत में इतना उछाल इससे पहले कभी नहीं देखा गया.

जम्मू-कश्मीर के केसर की मांग ज्यादा पर उत्पादन कम 

जम्मू कश्मीर में पैदा होने वाले केसर को 2020 में जीआई टैग भी मिला हुआ है और इसे बेहतर क्वालिटी का माना जाता है. इसीलिए भारतीय केसर की वैश्विक बाजार में काफी मांग है. हालांकि, 60-65 टन की सालाना मांग के मुकाबले कश्मीर में यह 3 टन का भी उत्पादन नहीं हो पा रहा है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने फरवरी में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का केसर उत्पादन 2010-11 में 8 टन से घटकर 2023-24 में 2.6 टन हो गया, जो लगभग 67.5 फीसदी की गिरावट है. उन्होंने कहा कि हालांकि, पिछले वर्ष के दौरान 2022-23 से 2023-24 तक केसर उत्पादन में 4 फीसदी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. 

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