लाल मिर्च की गिरती कीमत से कर्नाटक के किसान परेशान हो गए हैं. ऐसे में नाराज किसानों ने ब्यादगी मिर्च मंडी में जमकर उत्पात मचाया और पथराव किया. साथ ही किसानों ने एपीएमसी कार्यालय में तोड़फोड़ की और कई वाहनों को आग लगा दी. सूत्रों के अनुसार, मिर्च बाजार में सोमवार को 30 किलोग्राम के लगभग 3.1 लाख बैग की सप्लाई हुई. इससे मंडी में लाल मिर्च की कीमत में गिरावट आ गई. दरअसल, मध्य कर्नाटक के हावेरी जिले में बयाडगी मिर्च की मंडी है. यह कर्नाटक में उगाई जाने वाली सूखी मिर्च के लिए प्रसिद्ध मंडी है. खास बात यह है कि ब्याडगी मिर्च को जीआई टैक भी मिला हुआ है. अपने कम तीखेपन और उच्च रंग सामग्री के लिए यह जानी जाती है.
मिर्च मंडी में सोमवार को 30 किलोग्राम के लगभग 3.1 लाख बैग की आवक हुई. इससे अधिकांश आवक दूसरी और तीसरी तुड़ाई से ब्याडगी मिर्च किस्म की संकर थीं, जो उच्च गुणवत्ता की नहीं थीं. सूत्रों के मुताबिक, कीमत में गिरावट मांग की कमी के कारण हुई है. खबरों के मुताबिक पुलिस ने स्थिति को स्थिर कर लिया है. वहीं, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि मिर्च की कीमतें एक ही दिन में 20,000 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 8,000 रुपये हो गईं, जिससे हावेरी एपीएमसी बाजार में हंगामा मच गया. इसकी जांच की जा रही है कि कीमतों में गिरावट सभी एपीएमसी बाजारों में हुई या सिर्फ हावेरी बाजार में.
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मुख्यमंत्री ने कीमत में गिरावट के कारणों पर रिपोर्ट मांगी है. परमेश्वर ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस मार्केटिंग सीजन में कर्नाटक में लाल मिर्च की कीमतों में गिरावट का रुख है, क्योंकि फसल अच्छी हुई है. साथ ही किसानों का रकबा बढ़ रहा है और शुष्क मौसम से विकास को समर्थन मिल रहा है. अधिकांश उत्पादक क्षेत्रों में सूखे का सामना करने के बावजूद, उत्पादकों ने बड़ी फसल ली है, लेकिन कीमतें उनकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं हैं.
पिछले साल कीमतें असामान्य रूप से ऊंची थीं. फसल के छोटे आकार के कारण उच्च गुणवत्ता वाली मूल बयाडगी मिर्च के लिए कीमतें 50,000 प्रति क्विंटल से अधिक थीं. पिछले सीज़न की तुलना में ऊंची कीमतों से उत्साहित होकर किसानों ने इस साल अपना रकबा बढ़ाया है. इसके अलावा, पिछले साल के अधिक कैरी-फॉरवर्ड स्टॉक ने इस साल कीमतों पर असर डाला है. कर्नाटक में कोल्ड स्टोरेज की क्षमता लगभग 80 लाख बैग है. सीज़न की शुरुआत में कैरी-फ़ॉरवर्ड स्टॉक 30 किलोग्राम के 25 से 30 लाख बैग के बीच होने का अनुमान लगाया गया था.
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मसाला कंपनियां ब्याडगी मिर्च का उपयोग करती हैं, जबकि ओलियोरेसिन निर्माता कुछ संकर मिर्च का उपयोग करते हैं. नकदी फसल के रूप में लाल मिर्च, न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधीन नहीं है. 2022-23 के दौरान, कर्नाटक में 1.06 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर लाल मिर्च की खेती हुई, जिसका कुल उत्पादन 1.67 लाख टन से अधिक था. कर्नाटक में उगाई जाने वाली अधिकांश लाल मिर्च बयाडगी किस्म और उसके संकर हैं.
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