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हापुड़ के किसान के फूलों से सजी अयोध्या नगरी, 10 टन रजनीगंधा, गेंदा-गुलदावरी समेत कई किस्म के फूल भेजे 

हापुड़ के किसान के फूलों से सजी अयोध्या नगरी, 10 टन रजनीगंधा, गेंदा-गुलदावरी समेत कई किस्म के फूल भेजे 

आज 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन चल रहा है. इसके उपलक्ष्य में अयोध्या नगरी को रंग-बिरंगे फूलों और कलाकृतियों से सजाया गया है. अयोध्या को खूबसूरत बनाने में हापुड़ के किसान के फूल भी शामिल हैं. फूलों की खेती करने वाले किसान ने 10 टन अलग-अलग किस्म के फूल भेजे हैं.

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हापुड़ के किसान के फूलों से सजी अयोध्या नगरी हापुड़ के किसान के फूलों से सजी अयोध्या नगरी

आज 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन चल रहा है. इसके उपलक्ष्य में अयोध्या नगरी को रंग-बिरंगे फूलों और कलाकृतियों से सजाया गया है. अयोध्या को खूबसूरत बनाने में हापुड़ के किसान के फूल भी हैं. फूलों की खेती करने वाले किसान तेग सिंह को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से समारोह के लिए 10 टन अलग-अलग किस्मों के फूल भेजने का काम सौंपा गया था. 

35 साल से फूलों की खेती कर रहे किसान ने 10 टन की खेप भेजी 

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के फूलों की खेती करने वाले किसान तेग सिंह को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से समारोह के लिए मंदिर में 10 टन मिश्रित फूल पहुंचाने का काम सौंपा गया है. फूलों का उपयोग मंदिर और शहर की सजावट में की जाएगी.किसान तेग सिंह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि वह सिंभावली इलाके के तिगरी गांव में खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि हमारा परिवार 35 वर्षों से फूलों की खेती कर रहा है, लेकिन हमने पहले कभी ऐसी खुशी और गर्व महसूस नहीं किया है. हमारा सपना 500 साल बाद पूरा होने जा रहा है और भगवान राम मंदिर में विराजमान होंगे.

गुलदावरी, रजनीगंधा, गेंदा और गुलाब समेत कई फूल भेजे 

किसान तेग सिंह ने कहा कि अयोध्या को भेजी गई फूलों की खेप में गुलदावरी, रजनीगंधा, जिप्सोफिला, गेंदा, आर्किड, बर्ड-ऑफ-पैराडाइज और गुलाब जैसे अलग-अलग किस्मों के फूल शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हर दिन विभिन्न प्रकार के फूलों से भरे कम से कम एक या दो ट्रक अयोध्या भेजे जा रहे हैं. किसान तेग सिंह के भाई श्रद्धानंद ने बताया कि 10 टन में से 100 बक्से प्रोमेथियम के 50 से 60 बक्से ऑर्किड, बर्ड-ऑफ-पैराडाइज और 20 से 25 बक्से एन्थ्यूरियम फूलों के हैं. कलकत्ता का गेंदा भी इस समूह का हिस्सा है, जिसका उपयोग डोरियों और मालाओं के लिए किया जाता है. 

हापुड़ कई किस्म के फूलों की खेती के लिए मशहूर 

किसान तेग सिंह ने कहा कि इनमें से कई फूलों की किस्में ऐसी हैं जो 20-22 दिनों तक ताजा बने रहते हैं. हम तब तक फूल भेजते रहेंगे, जब तक वे मांग करते रहेंगे. बता दें कि यूपी के हापुड़ जिले को विभिन्न किस्मों के फूलों की खेती के लिए जाना जाता है. 

फूलों को रिसाइकल कर अगरबत्ती बनेगी 

अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने समाचार एजेंसी से कहा कि यह पहल स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी. प्राण प्रतिष्ठा के बाद हम उम्मीद कर रहे हैं कि अयोध्या के सभी मंदिरों से प्रतिदिन कम से कम 9 टन फूलों का कचरा रिसाइकल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत प्रत्येक मंदिर से फूल एकत्र कर उन्हें प्राकृतिक अगरबत्ती में बदला जाएगा. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के बाद प्रतिदिन लगभग 22 लाख भक्तों के अयोध्या आने की उम्मीद है. जिले के फूल गाजीपुर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मिजोरम, दिल्ली, मध्य प्रदेश और यहां तक कि विदेशों में भी बाजारों में पहुंचते हैं.