पंजाब में बहुत जल्द मक्के की नई वैरायटी PMH 17 लॉन्च होने वाली है जो कि एक हाईब्रिड किस्म है. इस किस्म की कई खासियतें हैं, जैसे यह कम पानी में जल्दी तैयार होती है. पंजाब के किसानों के लिए भूजल स्तर की समस्या जिस तरह से बढ़ी है. उसे देखते हुए यह किस्म बेहतर साबित होगी. सरकार की कोशिश यही है कि किसान भारी मात्रा में पानी सोखने वाली फसलें जैसे धान से हटकर कम पानी वाली फसलों की खेती करें. इसमें मक्के की वैरायटी PMH 17 कारगर साबित हो सकती है. इस किस्म की एक बड़ी खासियत ये भी है कि इससे अनाज की अधिक उपज के साथ चारा भी भरपूर ले सकते हैं.
मक्के की इस वैरायटी को मई के अंतिम सप्ताह से लेकर जून अंत तक बो सकते हैं. यानी इस मक्के की बुवाई के लिए किसानों को अधिक समय मिल जाता है. यह किस्म 96 दिनों में तैयार हो जाएगी. इस मक्का के जल्द तैयार होने से किसान अपने खेतों में अधिक से अधिक फसलों की खेती और कटाई कर सकते हैं. इससे उनकी आय में वृद्धि होगी.
इस बारे में पंजाब के किसान कल्याण विभाग के निदेशक जसवंत सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि मक्के की किस्म पीएमएच 17 प्रदेश के किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होगी. इसमें स्टार्च की अधिक मात्रा के कारण यह इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयुक्त है. इसकी औसत उपज 25 क्विंटल प्रति एकड़ है, और यह फॉल आर्मीवर्म और मेडिस लीफ ब्लाइट जैसे सामान्य कीटों के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है.
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मक्के की इस किस्म की कई विशेषताएं हैं. इसके पौधे लंबे होते हैं और पत्तियां चौड़ी. इस लिहाज से इसका सबसे अच्छा चारा तैयार होगा. साथ ही इसका पौधा सूखने पर जलावन के लिए बेहतर रहेगा. इसकी बालियां आधा खुली रहती हैं और लंबी होती हैं. इसके दाने पीले-नारंगी रंग के बेहद आकर्षक होते हैं. इस तरह किसानों को अनाज की उपज के साथ-साथ चारे की पैदावार भी भरपूर मिलेगी.
मक्के की इस नई हाइब्रिड किस्म की उच्च पैदावार, इथेनॉल उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को पहचानते हुए कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां ने कहा कि इस नई किस्म से पंजाब की खेती-बाड़ी में नया वैल्यू एडीशन होगा. उन्होंने कृषि विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिया कि किसानों के बीच अगले सीजन में समय से इसके बीज का वितरण होना चाहिए ताकि वे इस किस्म का अधिक से अधिक इस्तेमाल बढ़ा सकें. इससे किसानों के साथ प्रदेश की कृषि व्यवस्था को भी फायदा होगा.
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